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उप्र कैबिनेट में सवर्ण गरीबों को आरक्षण समेत 14 प्रस्ताव मंजूर

लखनऊ, 18 जनवरी 2019 (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट ने शुक्रवार को गरीब सवर्ण वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण दिए जाने समेत 14 प्रस्तावों को मंजूरी दे दी।

लोकभवन में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद राज्य सरकार के प्रवक्ता व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने प्रेस वार्ता में बताया कि सामान्य वर्ग (सवर्ण) के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सरकारी नौकरियों व सरकारी शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के केंद्र सरकार के निर्णय को उत्तर प्रदेश में लागू किए जाने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है। प्रदेश में इस आरक्षण का लाभ 14 जनवरी, 2019 से प्रभावी किया गया है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की अधिसूचना पर हुए संविधान संशोधन का अनुपालन अक्षरश: लागू किया जाएगा, बिना किसी के आरक्षण को छेड़े हुए। इस फैसले के साथ ही गरीबों को आर्थिक आधार पर आरक्षण देने वाले राज्यों में यूपी का भी नाम जुड़ गया है। गुजरात व झारखंड में इसे पहले ही लागू किया जा चुका है।

प्रवक्ता ने बताया कि कैबिनेट ने चित्रकूट के रामायण मेले का प्रांतीय करण किए जाने का प्रस्ताव मंजूर कर दिया है। इस मेले में 10 लाख लोग आते हैं। अब इस मेले का प्रबंधन चित्रकूट के जिलाधिकारी करेंगे और इस मेले का व्यय सरकार वहन करेगी।

मंत्रिपरिषद ने एक जनपद एक उत्पाद (ओडीओपी) की खरीद-बिक्री शुरू किए जाने के प्रस्ताव को मंजूर किया है। उन्होंने कहा कि एक जनपद-एक उत्पाद विपणन प्रोत्साहन योजना के प्रस्ताव के मंजूरी के बाद एक जिला एक उत्पाद योजना में प्रोडक्ट प्रमोशन, मार्केटिंग और ढुलाई के लिए सहायता दी जाएगी।

उन्होंने बताया कि एक जनपद-एक उत्पाद विपणन प्रोत्साहन योजना के तहत चिह्न्ति उत्पादों को एक ब्रांड के रूप में स्थापित करने के साथ-साथ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मेलों में प्रतिभाग करने के उद्देश्य से आर्थिक सहायता प्रदान किए जाने का निर्णय लिया है। इस योजना के अंतर्गत चिह्न्ति उत्पादों को विक्रय स्थल तक ले जाने वाले उत्पादकों में से किसी एक व्यक्ति को थर्ड एसी क्लॉस का रेल टिकट या उस रूट पर चलने वाली एसी बस के टिकट मूल्य के बराबर आर्थिक सहायता दी जाएगी।

यही नहीं, चिह्न्ति उत्पादों को विदेशों में विक्रय स्थल तक ले जाने के लिए अधिकतम 2 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता ढुलाई के मद में दिए जाने का भी निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया किओडीओपी प्रोडक्ट प्रमोशन योजना के अंतर्गत चिह्न्ति उत्पादों को मेलों में स्टॉल धनराशि का 75 प्रतिशत, अधिकतम 50 हजार रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान किए जाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा योजना के अन्तर्गत चिह्न्ति उत्पादों को प्रदेश से बाहर स्वदेश में विक्रय स्थल तक ले जाने वाले माल की ढुलाई के लिए अधिकतम 7500 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान किए जाने का निर्णय लिया है।

इसके अलावा कैबिनट ने जनपद चंदौली के तहत तहसील मुगलसराय का नाम पंडित दीनदयाल नगर किए जाने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही जनपद लखनऊ स्थित ग्राम कनौसी में सिंचाई विभाग की जमीन जनहित में मार्ग निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग को हस्तांतरित किए जाने का निर्णय लिया है।

उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने डॉ. राम मनोहर लोहिया नलकूप परियोजना के अंतर्गत प्रदेश के विभिन्न जनपदों में 1.00 क्यूसेक क्षमता के दो हजार नए राजकीय नलकूपों के निर्माण से संबधित परियोजनाओं की पुनरीक्षित लागत के संबंध में निर्णय लिया गया है। फेल हो चुके 1101 नलकूपों को रीबोर किया जाएगा और 2000 नए नलकूप लगेंगे।

कैबिनेट ने आबकारी विभाग द्वारा निर्धारित आबकारी राजस्व के अतिरिक्त राजस्व प्राप्त कर उसका उपयोग प्रदेश के निराश्रित और बेसहारा गौवंश के भरण-पोषण के लिए किए जाने के संबंध में निर्णय लिया है। अब आबकारी विभाग में अतिरिक्त आमदनी पर लगे कर से करीब 165 करोड़ रुपये निराश्रित गोवंश के मद में उपभोग होगा।

प्रवक्ता ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों से संबद्ध जिला चिकित्सालय या रेफरल अस्पताल की समस्त अचल संपत्तियों को चिकित्सा शिक्षा विभाग के पक्ष में ट्रांसफर किये जाने का निर्णय लिया है।

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश कार्य नियमावली 1975 की प्रथम अनुसूची में 17 वें संशोधन का प्रस्ताव कैबिनेट में पास किया गया है। इसमें मंत्रालयों के निर्णय से अब 25 लाख की जगह 1 करोड़ रुपये तक के खर्च की मंजूरी अब कैबिनेट से नहीं लेनी होगी। यानी प्रदेश सरकार को एक करोड़ रुपये तक की परियोजना संस्तुत करने के लिए कैबिनेट के अनुमोदन की जरूरत नहीं होगी।

उन्होंने बताया कि नागरिक उड्डयन निदेशालय के नियमित और संविदा पायलटों के भत्तों व पारिश्रमिक व अन्य सुविधाओं का पुन: निर्धारण किया गया है। साथ ही सेतु निगम के कर्मचारियों को 7वां वेतनमान दिए जाने के प्रस्ताव का कैबिनेट ने पास किया गया है।

कैबिनेट ने इसे 1 जनवरी, 2016 से लागू किया है। इसके अलावा सहारनपुर-मुजफरनगर बाईपास को कैबिनेट की मंजूरी मिली मिली है। वहीं निचलौल की सिंचाई विभाग की जमीन एसएसबी गोरखपुर को प्रदान किए जाने के प्रस्ताव पर मुहर लगी है।

 

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