IANS

मायावती ने अपने भतीजे को बसपा में शामिल किया

लखनऊ, 17 जनवरी (आईएएनएस)| बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में राजनीतिक उत्तराधिकारी के संबंध में मीडिया में लगने वाले कयास की अनदेखी करते हुए पार्टी प्रमुख मायावती ने आलोचकों पर निशाना साधा और अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी में शामिल करने की घोषणा की। आकाश एमबीए ग्रेजुएट हैं। कुछ मीडिया संस्थानों पर जातिवादी और दलित-विरोधी होने का आरोप लगाते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने गुरुवार को अपनी चुप्पी तोड़ी और कहा कि वह भतीजे आकाश आनंद को पार्टी में शामिल कर रही हैं ताकि वह पार्टी के बारे में जान सके।

मीडिया ने इस बाबत कयास लगाने तब शुरू किए थे, जब मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे आकाश को मायावती के 63वें जन्मदिन के अवसर पर मंगलवार को और समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन की घोषणा के दौरान शनिवार को उनके आवास पर आगंतुकों का अभिवादन करते देखा गया।

इन अवसरों पर आकाश को देखने के बाद यह प्रश्न उठने लगे थे कि क्या वह मायावती के उत्तराधिकारी होंगे।

मायावती ने गुरुवार को प्रेस वार्ता में कहा, “बसपा की लोकप्रियता बढ़ने और पार्टी के सपा के साथ गठबंधन करने से कई पार्टियों और जातिवादी और दलित-विरोधी नेताओं की रातों की नींद उड़ी हुई है। वे सही तरीके से हमसे लड़ने के स्थान पर हमपर अशोभनीय टिप्पणी कर रहे हैं और कुछ जातिवादी और दलित विरोधी मीडिया संस्थानों के साथ मिलकर हमारे विरुद्ध षड्यंत्र कर रहे हैं।”

लंदन से एमबीए की डिग्री प्राप्त करने वाले अपने भतीजे आकाश को पार्टी में शामिल करने की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा, “मेरे जन्मदिन पर लखनऊ में आकाश को देखे जाने के बाद, उस पर राजनीतिक विरोधियों ने निशाना साधा। राजनीतिक हलकों में जातिवादी और दलित विरोधी सोच घटिया राजनीति में संलिप्त है।”

मायावती ने कहा कि वह कांशीराम की शिष्या हैं और ‘आप सभी जानते हैं कि कैसे वह ‘जैसे को तैसा’ की तर्ज पर जवाब दिया करते थे।’

उन्होंने कहा, “और कांशीरामजी की शिष्या होने के नाते, जैसे को तैसा नीति के तहत जवाब देते हुए मैं आकाश आनंद को बसपा आंदोलन में शामिल करूंगी। अगर किसी जातिवादी और दलित विरोधी सोच वाले मीडिया घरानों को इससे समस्या है, तो होने दीजिए। हमारी पार्टी इस बारे में चिंता नहीं करती है।”

अपने भाई आनंद कुमार की भूमिका को याद करते हुए मायावती ने कहा कि उन्होंने पार्टी के लिए काफी काम किया था।

मायावती ने कहा, “पार्टी नेताओं से बातचीत के बाद मैंने उसे पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया। लेकिन, उसने खुद ही इस पद से खुद को दूर कर लिया ताकि पार्टी में वंशवाद की राजनीति का आरोप न लगे।”

 

Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close