एआई से फ्लाइंग पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा मिलेगा : प्रभु
मुंबई, 15 जनवरी (आईएएनएस)| कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और बिग डेटा के महत्व पर जोर देते हुए नागरिक विमाननन मंत्री सुरेश प्रभु ने इन आधुनिक प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने की आवश्यकता पर बल दिया। पहले ग्लोबल एविएशन समिट (जीएएस) 2019 का उद्घाटन करते हुए मंत्री ने कहा कि विमानन क्षेत्र की स्थिरता भी महत्वपूर्ण है और हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारी उड़ान प्रथाएं ‘पर्यावरण अनुकूल’ बनी रहें।
प्रभु ने उद्घाटन भाषण में कहा, “यह सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य है कि आनेवाले समय में उड्डयन क्षेत्र में तेजी बरकरार रहे.. हम समूचे उड्डयन क्षेत्र को पेशेवर बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हम सुरक्षा उल्लंघन को बिल्कुल बर्दाश्त न करने की नीति अपनाते हैं।”
उन्होंने कहा कि भारतीय विमानन क्षेत्र पिछले चार सालों से 20 फीसदी की दर से बढ़ रहा है, जोकि दुनिया में सर्वाधिक है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश एक मजबूत विकास नीति के साथ तैयार है, जो आगे का मार्ग प्रशस्त करता है।
इसी संदर्भ में प्रभु ने ध्यान दिलाया कि सरकार ने ड्रोन नीति की घोषणा पहले ही कर दी है, ताकि भारत में ड्रोन का निर्माण सुनिश्चित हो और अब देश में विमानों के निर्माण का रोडमैप लांच किया जाएगा।
उन्होंने जल्द ही देश की एयर कार्गो नीति लांच करने की उम्मीद जताई और कहा कि राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति जल्द ही जारी की जाएगी, जो देश भर में कई लॉजिस्टिक हब बनाने में सक्षम होगा।
अपने संबोधन में नागरिक विमानन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि जीएएस न केवल भारतीय विमानन क्षेत्र के लिए, बल्कि वैश्विक विमानन क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक घटना होगी।
सिन्हा ने कहा, “भारत में प्रति किलोमीटर के आधार पर विमान यात्रा ऑटो-रिक्शा की तुलना में सस्ता है। हम ऑटो रिक्शा से एयर रिक्शा की तरफ जा रहे हैं।”