जींद उपचुनाव से हरियाणा की राजनीति गरमाई
चंडीगढ़, 15 जनवरी (आईएएनएस)| हरियाणा में जींद विधानसभा सीट के लिए होने जा रहा उपचुनाव सभी राजनीतिक दलों के लिए राजनीतिक रणक्षेत्र में बदल गया है। इसके जरिए सभी दल यह आकलन करने की कोशिश कर रहे हैं कि आगामी महीनों में हवा का रुख किस ओर होगा।
जींद उपचुनाव के लिए मतदान 28 जनवरी को होगा और यह सीट जो भी जीतेगा, वह लगभग नौ महीने के लिए ही इसपर काबिज रहेगा, क्योंकि हरियाणा की वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल दो नवंबर को समाप्त हो जाएगा।
इसके बावजूद यह उपचुनाव सत्तारूढ़ भाजपा से लेकर, प्रमुख विपक्षी दल इनेलो, कांग्रेस और राज्य की राजनीति में सबसे नए खिलाड़ी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) समेत सभी दलों के लिए बेहद महत्वपूर्ण बना हुआ है, क्योंकि संसदीय चुनाव करीब 3-4 महीने ही दूर है और अगले विधानसभा चुनाव अक्टूबर में होंगे।
यह सीट इनेलो के विधायक हरिचंद मिधा के निधन के बाद खाली हो गई थी।
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला को मैदान में उतारकर जींद उपचुनाव को रोचक मुकाबला बनाने का श्रेय कांग्रेस और पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को जाता है।
ऐसा करके राहुल गांधी ने केवल हरियाणा की राजनीति को ही नहीं, बल्कि हरियाणा में कई गुटों में बंटी हुई कांग्रेस में तूफान ला दिया है।
सुरजेवाला ने जब 10 जनवरी को अपना नामांकन दाखिल किया था, तब पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा, विधानसभा में कांग्रेस के नेता किरण चौधरी, कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष अशोक तंवर और पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा और कुलदीप बिश्नोई समेत कांग्रेस के सभी दिग्गज मौजूद थे।
सुरजेवाला इस विधानसभा सीट से सटे कैथल से कांग्रेस विधायक हैं और हरियाणा में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। वह खुद शायद जींद के मुकाबले के लिए खड़े नहीं होना चाहते थे, लेकिन पार्टी अध्यक्ष ने संभवत: उन्हें कोई विकल्प नहीं दिया।
सुरजेवाला ने कहा, “इस सीट पर हमारी जीत से आगामी चुनाव के लिए माहौल तैयार होगा।”
हालांकि, उनकी पार्टी ने उन्हें जींद उपचुनाव का केंद्र बना दिया है, लेकिन वह भाजपा, इनेलो और जेजेपी की ओर से आलोचनाएं झेल रहे हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, “हमने विधायकों को लोकसभा चुनाव लड़ते देखा है या लोगों को दो लोकसभा सीटों से एकसाथ लड़ते देखा है, लेकिन हमने कभी भी किसी मौजूदा विधायक को किसी और विधानसभा सीट से लड़ते नहीं देखा।”
वरिष्ठ भाजपा मंत्री राम बिलास शर्मा को 10 जनवरी को हुड्डा की खिल्ली उड़ाते हुए यह कहते कैमरे में कैद कर लिया गया था कि ‘तुम्हारा कांटा (सुरजेवाला) साफ हो गया है।’ कांग्रेस के सत्ता में आने की स्थिति में सुरजेवाला को मुख्यमंत्री पद के लिए हुड्डा के संभावित प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखा जा रहा है।
भाजपा ने इस उपचुनाव के लिए इनेलो के दिवंगत विधायक के बेटे कृष्ण मिधा को उतारकर बड़ा दाव खेला है। अक्टूबर 2014 में भाजपा के पक्ष में लहर थी और उसने हरियाणा में अपने दम पर सरकार बनाई थी। इसके बावजूद पार्टी जींद में हार गई थी।
इनेलो अभय सिंह चौटाला के नेतृत्व में अपनी सीट बरकरार रखने के लिए प्रयासरत है।
अभय चौटाला ने दावा किया, “हम मुकाबले में खड़ी सभी पार्टियों को सबक सिखाएंगे। इनेलो फिर से यह सीट जीतेगा।”
वहीं, इनेलो में टूट के बाद पैदा हुई जेजेपी के उम्मीदवार ने दिग्विजय चौटाला के रूप में एक मजबूत उम्मीदवार को मैदान में उतारा है। दिग्विजय पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल के पड़पोते हैं और इनेलो प्रमुख ओ.पी. चौटाला के पोते हैं।
जेजेपी निश्चित तौर पर इनेलो के वोटबैंक में सेंधमारी करेगी।
दिग्विजय ने कहा, “हममें इस चुनाव को जीतने की ताकत और प्रतिबद्धता है। लोग, खासतौर पर युवा हमारे साथ हैं।”
इस लिहाज से जींद सीट, जिसमें अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्गो (करीब 50 फीसदी) और जाटों (करीब 25 फीसदी) का एक बड़ा हिस्सा है, उसमें निश्चित तौर पर रोचक मुकाबला होने जा रहा है।