शोपियां में टकराव, 7 घायल, महबूबा, मीरवाइज ने की निंदा
श्रीनगर, 13 जनवरी (आईएएनएस)| जम्मू एवं कश्मीर के शोपियां जिले में एक आतंकी कमांडर के मारे जाने के बाद उसके जनाजे के दौरान प्रदर्शनकारियों व सुरक्षाबलों के बीच हुई झड़प में रविवार को सात नागरिक घायल हो गए। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर ने बल प्रयोग की निंदा की है।
सुगम गांव में पथराव कर रहे युवाओं की सुरक्षाबलों के साथ झड़प हुई। शनिवार को कुलगाम जिले में अपने सहयोगी के साथ मारा गया अल बद्र का कमांडर जीनातुल इस्लाम उर्फ जीनत उर्फ उस्मान सुगन गांव का रहने वाला था।
उसके साथी की शिनाख्त शकील अहमद डार के रूप में हुई। दोनों पर सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर हमले सहित कई आपराधिक मामले दर्ज थे और वे वांछित थे।
जीनत अल-बद्र का सदस्य था और इससे पहले भी गिरफ्तार हो चुका था। रिहा होने के बाद वह हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हो गया था और हाल ही में वह फिर से अल-बद्र में शामिल हो गया था।
दोनों आतंकवादियों को मारने के बाद उनके शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए थे।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि आतंकवादी कमांडर की शवयात्रा में भाग लेने के दौरान प्रदर्शनकारियों ने हिंसा का सहारा लिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाबलों ने हवा में फायरिंग की।
पुलिस ने कहा कि इन झड़पों के दौरान घायल हुए प्रदर्शनकारियों को श्रीनगर में एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गोली से घायल एक प्रदर्शनकारी को श्रीनगर के एक अस्पताल में ले जाया गया है और उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
महबूबा मुफ्ती ने एक बयान में कहा कि जनाजे में शामिल लोगों को रोकने के लिए हवाई गोलीबारी करने से अलगाव की भावना जाग सकती है।
मीरवाइज ने अपने ट्विटर पेज पर लिखा, “हवाई गोलीबारी की खबरें.. बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और परेशान करने वाली हैं। धार्मिक कार्यो में ऐसी दखलंदाजी अवांछनीय है और इससे जवाबी हमला भी हो सकता है, जिससे गुस्सा और द्वेष और ज्यादा बढ़ेगा।”
उन्होंने कहा, “शहीद की शवयात्रा में क्रूर बल का प्रयोग ना सिर्फ गैर-इस्लामिक है बल्कि अलोकतांत्रिक और मानवीय मूल्यों के विपरीत भी है।”
अधिकारियों ने एहतियात के तौर पर दक्षिण कश्मीर से गुजरने वाली रेल सेवाओं को निलंबित कर दिया है।
कुलगाम व शोपियां जिलों में शनिवार को मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी निलंबित हैं।