मप्र : फिजूलखर्ची रोकने का कमलनाथ का वादा टूट रहा
भोपाल/उज्जैन, 13 जनवरी (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनते ही कमलनाथ ने फिजूलखर्ची पर रोक लगाने का ऐलान किया था।
उनका साफ संदेश था कि, कोई भी मंत्री, विधायक सरकारी हेलीकॉप्टर और विमान का उपयोग नही करेगा, मगर राज्य के मुख्य सचिव एस.आर. मोहंती ने ही उज्जैन दौरे के लिए हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया। इस तरह कमलनाथ के वादे के टूटने की शुरुआत हो गई है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार, मुख्य सचिव मोहंती ने रविवार को उज्जैन का दौरा कर मकर संक्रांति पर क्षिप्रा नदी के घाटों पर होने वाले स्नान संबंधित व्यवस्थाओं का जायजा लिया। वे शनि मंदिर त्रिवेणी घाट और राम घाट गए। उनके साथ नर्मदा घाटी विकास अभिकरण के अपर मुख्य सचिव रजनीश वैश्य, अपर मुख्य सचिव राोश्याम जुलानिया, प्रमुख सचिव संजय दुबे और प्रमोद अग्रवाल थे। बाद में मुख्य सचिव मोहंती ने उज्जैन में वरिष्ठ अािकारियों की बैठक में मकर संक्रांति संबंधित व्यवस्थाओं की समीक्षा भी की।
मुख्य सचिव अन्य अधिकारियों के साथ भोपाल से हेलीकॉप्टर से भोपाल से उज्जैन पहुंचे थे। सरकारी अमले के द्वारा हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किए जाने का सत्ता में बदलाव के बाद का पहला मौका है। यही कारण है कि हेलीकॉप्टर के उपयोग पर चर्चा गर्म है, क्योंकि कमलनाथ ने फिजूलखर्ची रोकने के मकसद से सरकारी हेलीकॉप्टर व विमान के उपयोग पर रोक लगा रखी है। इतना ही नहीं, इस साधन का उपयोग करने पर विधायक व मंत्री को स्वयं खर्च वहन करने की बात कही गई है।
कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष सैयद जाफर से जब मुख्यमंत्री के फिजूलखर्ची रोकने के निर्देश और मुख्य सचिव व अफसरों द्वारा हेलीकॉप्टर के उपयोग पर सवाल किया तो उनका कहना था कि मकर संक्रांति सोमवार को है, लिहाजा जरूरत को ध्यान में रखकर हेलीकॉप्टर का उपयोग किया गया होगा।
हेलीकॉप्टर के उपयोग और समय की बचत को लेकर जानकारों का कहना है कि भोपाल से उज्जैन तक जाने में सड़क मार्ग का उपयोग करने पर मुश्किल से तीन से साढ़े तीन घंटे लगते, जबकि हेलीकॉप्टर व हेलीपैड तक सड़क मार्ग का उपयोग करने पर लगभग दो घंटे लग जाते हैं। इस तरह समय की भी ज्यादा बचत नहीं होती।