वनडे में पदार्पण के लिए तैयार हैं विजय शंकर
नई दिल्ली, 13 जनवरी (आईएएनएस)| आस्ट्रेलिया दौरे पर जारी वनडे सीरीज और फिर उसके बाद न्यूजीलैंड में होने वाले पांच मैचों की वनडे सीरीज के लिए भारतीय टीम में शामिल किए गए हरफनमौला खिलाड़ी विजय शंकर ने कहा है कि इस दौरे के लिए तैयार है।
शंकर एडिलेड में आस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाले दूसरे वनडे से पहले भारतीय टीम के साथ जुड़ेंगे और न्यूजीलैंड में होने वाले पांच मैचों की वनडे सीरीज में भी टीम का हिस्सा होंगे।
क्रिकइंफो की रिपोर्ट के अनुसार, शंकर इससे पहले श्रीलंका में खेले गए निदहास टी-20 सीरीज में भारतीय टीम के लिए खेल चुके हैं और अब वह वनडे में पदार्पण करने के लिए तैयार हैं।
27 वषर्ाीय शंकर पिछले साल दिसंबर में इंडिया-ए के साथ न्यूजीलैंड दौरे पर थे जहां उन्होंने 94 के औसत से तीन मैचों की लिस्ट-ए सीरीज में 188 रन बनाए थे और इंडिया-ए को न्यूजीलैंड-ए के खिलाफ सीरीज जिताने में अहम योगदान दिया था।
शंकर ने क्रिकइंफो से कहा कि वह वहां की परिस्थितियों से अवगत हो चुके हैं और इसका फायदा उन्हें आगामी सीरीज में मिलेगा। उन्होंने न्यूजीलैंड में खेले गए अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि वहां की पिचें पहले दो मैचों में काफी तेज थी और फिर तीसरे मैच में धीमी हो गई थी। हालांकि उन्होंने न्यूजीलैंड में तीन मैचों की सीरीज में मात्र 11 ओवर ही डाले थे जिसमें उन्हें एक सफलता मिली थी।
तमिलनाडु के खिलाड़ी ने कहा, “पिछले दौरे से मुझे पता चल गया है कि मैं दुनिया के किसी तेज पिच पर तेज गेंदबाजी कर सकता हूं। जब आप विभिन्न परिस्थितियों में खेलते हैं तो इससे आपको काफी कुछ सीखने को मिलता है और आगे के लिए आपका उत्साह भी बढ़ता है। न्यूजीलैंड दौरे ने मुझे मेरे खेल को अच्छे से समझने में काफी मदद की।”
शंकर पिछले साल निदहास ट्रॉफी के प्रदर्शन को लेकर सोशल मीडिया पर ट्रोल हो गए थे और उन्होंने इसे खराब अनुभव बताते हुए कहा कि इस तरह के अनुभव आपको क्रिकेट और जीवन में अच्छा करने के लिए प्रेरित करता है।
उन्होंने कहा, ” मैं उनमें से नहीं हूं जो सोशल मीडिया पर ज्यादा सक्रिय रहते हैं लेकिन निदहास ट्रॉफी के बाद पहले दो दिन मेरे लिए बेहद मुश्किल थे। लेकिन इस अनुभव ने मुझे एक अच्छा क्रिकेटर और इंसान बनने में मेरी मदद की। फाइनल मैच के बाद डीके (दिनेश कार्तिक) और रोहित (रोहित शर्मा) ने मुझसे कहा कि ऐसा होता रहता है और मुझे इसे यहीं छोड़ देना चाहिए अैर मैंने वैसा ही किया।”