‘दलित समुदाय को सामाजिक अभिशाप से मुक्ति दिला सकती है अंग्रेजी’
नई दिल्ली, 10 जनवरी (आईएएनएस)| दलित विचारक डॉक्टर चन्द्रभान प्रसाद का कहना है कि भारत इसलिए दुनिया में दूर-दूर तक प्रतिष्ठा अर्जित कर पाया क्योंकि यहां के डॉक्टर, इंजीनियर और वैज्ञानिकों ने अंग्रेजी भाषा को संवाद के माध्यम के रूप में चुना।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजी भाषा ही दलित समुदाय को सामाजिक अभिशाप से मुक्ति दिला सकती है। यहां इंग्लिश कम्युनिकेशन संस्था लिंग्वा के छात्रों को संबोधित करते हुए चन्द्रभान प्रसाद कहा, “डोमेन विषय का अच्छा ज्ञान होने के बावजूद ज्यादातर दलित समुदाय के युवा इंग्लिश स्पीकिंग स्किल के अभाव के कारण बेरोजगार हैं। इस वजह से अक्सर उन्हें रोजगार में उचित हिस्सा नहीं मिलता।”
उन्होंने कहा, “दलित युवाओं को आगे आने की आवश्यकता है। वे उद्यमी बनने की कोशिश करें क्योंकि व्यवसाय एक अच्छा करियर विकल्प हो सकता है, जो उन्हें बेहतर स्थिति और आधुनिक सुविधा प्रदान करेगा।”
डॉ. प्रसाद ने कहा, “अंग्रेजी भारत के लोगों के लिए रोजी-रोटी की भाषा है।”
लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. बीरबल झा ने कहा कि भारत की आर्थिक उन्नति आज के युवाओं के अंग्रेजी कौशल से जुड़ी है।
डॉ. झा ने कहा कि देश में समाज के सबसे निचले-से-निचले तबके तक भी अंग्रेजी भाषा का लाभ पहुंचना चाहिए। सामाजिक न्याय की अवधारणा सभी के लिए समान शिक्षा का लाभ पहुंचाने में निहित है, जो कि भारत के संविधान में पहले से उल्लेखित है।