हरिपुर-गुलेर को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा : जयराम ठाकुर
शिमला, 9 जनवरी (आईएएनएस)| हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि सरकार कांगड़ा जिले के हरिपुर-गुलेर क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के अतिरिक्त गुलेर चित्रकला को संरक्षित करने और लोकप्रिय बनाने का प्रयास करेगी क्योंकि इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में गुलेर राज्य से सम्बन्धित ऐतिहासिक स्मारक मौजूद हैं, जो प्राचीन गुलेर राज्य की याद ताजा करते हैं।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने बुधवार को यहां देहरा के विधायक होशियार सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा किए गए ‘पेंटिंग आर्ट हिस्ट्री ऑफ वल्र्ड रिनॉन्ड हरीपुर-गुलेर’ पर प्रस्तुति की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में कई अनछुए गंतव्य हैं, जिनका आवश्यक अधोसंरचना विकसित करके पर्यटन की दृष्टि से विकास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूरे शहर में कई ऐतिहासिक मंदिर जैसे कि कल्याणराय, गोवर्धनधारी, तारारानी मंदिर, रामचंद्र मंदिर, जो कि अपनी विशिष्ट एवं अद्वितीय शिल्प कौशल और पत्थर की नक्काशी के कारण राष्ट्रीय धरोहर है।
उन्होंने कहा कि सरकार क्षेत्र के सम्पूर्ण विकास के लिए रेणुकाजी विकास बोर्ड की तर्ज पर हरिपुर-गुलेर विकास बोर्ड के गठन पर विचार करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यहीं पर विश्व प्रसिद्ध पौंग बांध स्थित है, जो न केवल पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग है, बल्कि जलक्रीड़ा के लिए एक आदर्श स्थान है। उन्होंने कहा कि दूरदराज के स्थानों जैसे साइबेरिया, तिब्बत, चीन और मंगोलिया से हर साल लाखों पक्षी सर्दियों के महीनों में पौंग बांध आते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस क्षेत्र को एक प्रमुख पर्यटक स*++++++++++++++++++++++++++++र्*ट के रूप में विकसित करने की योजना पर विचार कर रही है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि पौंग बांध पर जल गतिविधियों जैसे राफ्टिंग, बोटिंग, शिकारा, स्कूबा डाइविंग आदि शुरू करने का प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पर्यटकों के आकर्षण के लिए पुरानी हवेलियों, कुओं और जल निकायों को जीर्णोद्धार करने का भी प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस स्थान पर कई प्रमुख मंदिर भी हैं, जिनका जीर्णोद्धार एवं रखरखाव सुनिश्चित बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिपुर-गुलेर विश्व प्रसिद्ध कांगड़ा लघु चित्रकला का जन्म स्थल है। उन्होंने कहा कि गुलेर के चित्रकार श्री नैन सुख आज लघु चित्रकला के सबसे प्रसिद्ध चित्रकार हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इस प्राचीन कला को संरक्षित करने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगी।