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लोकसभा अध्यक्ष ने अन्नाद्रमुक, तेदेपा के 21 सांसदों को निलंबित किया

नई दिल्ली, 3 जनवरी (आईएएनएस)| लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने लगातार दूसरे दिन कठोर कार्रवाई करते हुए अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) और तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के 21 सांसदों को पोडियम के समक्ष इकट्ठा होने, पेपर फाड़ने और इसे चेयर की ओर उछालकर ‘गंभीर अव्यवस्था’ उत्पन्न करने के लिए लगातार चार दिन तक के लिए कार्यवाही से निलंबित कर दिया। दोनों पार्टी के सदस्य अध्यक्ष के पोडियम के समीप अपनी मांगों को लेकर नारे लगा रहे थे।

अन्नाद्रमुक सदस्य कर्नाटक में कावेरी नदी पर प्रस्तावित एक बांध के विरुद्ध प्रदर्शन कर रहे थे, जबकि तेदेपा सदस्य आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे थे, जिसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने यह कदम उठाया है।

सदन के इस सत्र की शुरुआत से ही दोनो पार्टी के सदस्य अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।

लोकसभा अध्यक्ष ने इससे एक दिन पहले अव्यवस्था फैलाने के लिए अन्नाद्रमुक के 24 सांसदों को लगातार पांच दिनों की कार्यवाही से निलंबित कर दिया था।

सदन में हंगामे की वजह से प्रश्न काल पूरा नहीं हो सका और अध्यक्ष ने दोपहर तक सदन को स्थगित कर दिया। कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद भी सदन की स्थिति जस की तस बनी रही। महाजन ने जिसके बाद चेतावनी दी और दोनों पार्टियों के 19 सांसदों को चार दिनों के लिए निलंबित कर दिया।

उन्होंने कहा, “आप सदन के वेल तक आए और कार्यवाही में बाधा डालकर आपलोगों ने नियमों का उल्लंघन किया। आपके लगातार व्यवधान उत्पन्न करने से अव्यवस्था उत्पन्न हो रही है। इसलिए मैं नियम 374ए के तहत आप सभी का नाम लेती हूं।”

उन्होंने निलंबित सदस्यों का नाम पढ़ते हुए कहा, “इसलिए, सभी नियम 374ए के प्रावधानों के तहत स्वत: सदन की चार दिन की कार्यवाही से निलंबित होते हैं।”

निलंबित 21 सदस्यों में, 14 तेदेपा से और 7 अन्ना द्रमुक से हैं।

जिन लोगों को निलंबित किया गया है, उसमें तेदेपा के जयदेव गाला, मगांती मुरली मोहन, एम. वेंकटेश्वर राव(बाबू), माल्याद्री श्रीराम, निम्माला क्रिष्टप्पा, कोनाकल्ला नारायण राव, मुतमसेट्टी श्रीनिवास राव, अशोक गजपति राजू, थोटा नरसिम्हन, राम मोहन नायडू, जे.सी. दिवाकर रेड्डी और रेणुका बुट्टा शामिल हैं। बाद में पंडुला रविंद्र बाबू और श्रीनिवास केसीनेनी को भी निलंबित किया गया

अन्ना द्रमुक के निलंबित किए गए सदस्य ए. अरुनमोझिथेवन, आर. गोपालकृष्णन, आर.पी. मरुथाराजा, जे.जे.टी नट्टेरजी, वी. पन्नीवसेल्वम, पी.आर. सेनथिलनाथन और सी. गोपालकृष्णन शामिल हैं।

उन्होंने उसके बाद सदन की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित कर दी, ताकि राफेल मामले पर बहस पूरी हो सके, जिसके अंतर्गत रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण को गुरुवार को जवाब देना था।

लेकिन निलंबित सांसद सदन की अवहेलना कर लगातार प्रदर्शन करते रहे।

महाजन ने कहा, “आप सभी निलंबित हैं। आपको सदन से जाना होगा।”

उसके बाद तेदेपा के दो और सांसद पंडुला रविंद्र बाबू और श्रीनिवास केसीनेनी भी प्रदर्शन में शामिल हो गए।

लोकसभा अध्यक्ष ने उन्हें चेतावनी दी और जब दोनों सांसदों ने उनकी बात नहीं मानी तो, उन्होंने इन दोनों सांसदों को भी चार दिनों के लिए निलंबित कर दिया।

जब सदन में लगातार हंगामा होता रहा और निलंबित सदस्यों ने कागज फाड़े और आधिकारिक मेज की ओर उछाला, उसके बाद अध्यक्ष ने शुक्रवार तक के लिए सदन को स्थगित कर दिया।

संसद का शीत सत्र 8 जनवरी को समाप्त होने वाला है।

 

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