उप्र : देवबंद में मुस्लिम महिलाओं ने किया तीन तलाक विधेयक का विरोध
लखनऊ/सहारनपुर, 3 जनवरी (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के देवबंद में गुरुवार को मुस्लिम महिलाओं ने तीन तलाक विधेयक का विरोध किया है। इस दौरान ‘हुकूके तहाफुज खवातीन मंच देवबंद’ के बैनर तले मुस्लिम महिलाओं ने सभा बुलाकर बिल को शरियत के खिलाफ बताया है। विधेयक का विरोध करने वाली मुस्लिम महिलाओं ने कहा कि शरीयत में मुस्लिमों के लिए 1400 साल पहले ये तीन तलाक का कानून है। इस लिए वे इस वे इस कानून में किसी भी तरह की तब्दीली नहीं चाहती हैं। इन महिलाओं का यहां तक कहना है कि सरकार तो हर 5 साल पर बदलती रहती है। आज भाजपा की सरकार है तो कल कांग्रेस की सरकार होगी। लेकिन वे किसी भी सूरत में तीन तलाक पर सरकार की दखलअंदाजी बर्दाश्त नहीं करेंगी।
उन्होंने कहा कि वे विधेयक के पक्ष में नहीं हैं और चाहती हैं कि राज्यसभा में यह बिल पास ना हो। उनका यह भी कहना है कि यदि यह विधेयक राज्यसभा से पास होने के बाद कानून भी बन जाता है, तो भी वे इसको नहीं मानेंगी।
महिलाओं का कहना है कि तीन तलाक एक शरियाई कानून है। सरकार का इसमे कोई अमल दखल नहीं होना चाहिए और वे चाहती भी नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि यह कानून अल्लाहताला ने बनाकर भेजा है। किसी की धार्मिक भावनाओं में सरकार का कोई दखल होना नहीं चाहिए। लेकिन मौजूदा सरकार मुस्लिम वोट बैंक में सेंधमारी की नीयत से ऐसा कर रही है।
गौरतलब है कि तीन तलाक विधेयक को लोकसभा में मंजूरी मिल चुकी है। अब इस पर उच्च सदन (राज्यसभा) की मंजूरी चाहिए, जहां भाजपा बहुमत में नहीं है।
इस कानून को लेकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का आरोप है कि सरकार कानून के नाम पर शरीयत में हस्तक्षेप कर रही है। बोर्ड का यह भी आरोप है कि सरकार का मकसद कॉमन सिविल कोड थोपने की है, तीन तलाक पर कानून तो महज दिखावा है।