मप्र में मीसाबंदी सम्मान निधि पर सियासी जंग तेज
भोपाल, 3 जनवरी (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश में कांग्रेस के सत्ता में आते ही लोकतंत्र सेनानियों (मीसाबंदियों) को मिलने वाली सम्मान निधि पर लगाई गई अस्थायी रोक ने राज्य का सियासी पारा चढ़ा दिया है। एक तरफ मीसाबंदियों ने जहां कानूनी नोटिस देने की बात कही है, वहीं कांग्रेस ने कहा कि पेंशन का निर्धारण फिर से होगा। राज्य शासन ने निर्णय लिया है कि लोकतंत्र सेनानियों (इमर्जेसी के दौरान जेल गए लोग) को दी जा रही सम्मान-निधि के भुगतान की मौजूदा प्रक्रिया फिर से तय की जाएगी। इस प्रक्रिया को ज्यादा सटीक और पारदर्शी बनाया जाएगा।
इस आदेश को लेकर भ्रम फैलाए जाने पर कांग्रेस की ओर से मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा कि कांग्रेस की सरकार बने हुए सिर्फ 15 दिन हुए हैं। इतने कम समय में सरकार द्वारा लिए गए जनहितैषी निर्णयों से बौखलाकर भाजपा के लोग जान-बूझकर मीसाबंदियों के मामले को लेकर भ्रम फैला रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र स्पष्ट लिखा है कि प्रदेश में लोकतंत्र सेनानी सम्मान निधि के भुगतान में बजट प्रावधान से अधिक व्यय की स्थितियां महालेखाकार के परीक्षण प्रतिवेदनों (जांच रिपोर्ट) के माध्यम से संज्ञान में आई है।
वहीं लोकतंत्र सेनानी संघ के तपन भौमिक ने कहा कि सरकार ने एक आदेश जारी कर सम्मान निधि बंद कर दिया है। सरकार ने भौतिक सत्यापन की बात कही है, यह कौन करेगा, कब होगा, यह तय नहीं है। कई मीसाबंदी अस्वस्थ हैं, उनका इलाज सम्मान निधि से ही होता है। इस मामले में सरकार को कानूनी नोटिस भेजा जाएगा और जरूरी होगा तो आंदोलन की रणनीति भी बनाई जाएगी।
शासन ने विधेयक पेश किए जाने की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए लोकतंत्र सेनानी सम्मान निधि भुगतान की वर्तमान प्रक्रिया को और अधिक सटीक, पारदर्शी बनाए जाने की जरूरत बताई है। इसके अलावा शासन ने यह भी माना है कि लोकतंत्र सेनानियों का भौतिक सत्यापन कराया जाना भी जरूरी है और इसके लिए अलग से विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए जाने का उल्लेख सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र में है।
आधिकारिक तौर पर बुधवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार, सामान्य प्रशासन द्वारा सभी संभाग आयुक्तों और जिलाधिकारियों को जारी निर्देश में कहा गया है कि पिछले कुछ वित्तीय वर्ष से प्रदेश में लोकतंत्र सेनानी सम्मान-निधि के भुगतान में बजट प्रावधान से अधिक राशि व्यय किए जाने की स्थितियां महालेखाकार के लेखा परीक्षण प्रतिवेदन के माध्यम से संज्ञान में आई है। बजट प्रावधान से अधिक व्यय होने से लोक लेखा समिति के समक्ष विभाग को स्थिति स्पष्ट करने में कठिनाई आती है।
समाजवादी और लोकतंत्र सेनानी रघु ठाकुर ने कहा कि सरकार की ओर से जो दिशा निर्देश जारी किए गए हैं, वे समय के अनुकूल हैं। किसी भी तरह की गलतियों की जांच होना चाहिए और अगर कोई गलती हुई है, किसी को गलत पेंशन मिल रही है तो वह बंद होना चाहिए। लोकतंत्र सेनानी संघ भी इसमें मदद करेगा। उन्होंने कहा कि इस तरह की गलतियां होने से संघ की विश्वसनीयता पर असर पड़ता है और सेनानियों का सम्मान गिरता है।
ठाकुर ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से अपील की है कि वे इस मामले को समय सीमा में निपटाएं।
जारी निर्देशों में कहा गया है कि इन स्थितियों को देखते हुए अगले माह से लोकतंत्र सेनानी सम्मान-निधि राशि का वितरण सत्यापन व अन्य जरूरी कार्यवाही के बाद किया जाए। संबंधित बैंक शाखाओं को भी जिलाधिकारी द्वारा इस बारे में सूचित किए जाने को कहा गया है।