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पहाड़ी गांवों में भेड़ के ऊन से बनेंगे ऑर्गेनिक उत्पाद, कचनार व जिंजर मैंगो की होगी मार्केटिंग

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आदेश दिए हैं कि पर्वतीय क्षेत्रों में भेड़-बकरियों के ऊन को ऑर्गेनिक उत्पाद के रूप में सर्टिफाइड किया जाना चाहिए। साथ ही यह भी निर्देश दिए कि शेंविग मशीन की समुचित व्वस्था की जाए। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि पिरूल एकत्रीकरण के क्षेत्र चिंहित कर दिए जाए ताकि भविष्य में लोगों द्वारा लाइसेंस पाने के लिए किसी प्रकार का विवाद उत्पन्न न हो।
यही नहीं बल्कि सीएम रावत ने उत्तराखण्ड के स्थानीय फल व प्राकृतिक उत्पाद तिमला, बेडू, कचनार, जिंजर मैंगो की प्रोसेसिंग व वैल्यू एडिशन तथा मार्केटिंग कर स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर विकसित करने पर विशेष बल दिया जाना चाहिए।
एमएसएमई विभाग के अनुसार, चमोली के दसोली ब्लॉक में माणा घिघरॉण, उत्तरकाशी के भटवाड़ी ब्लॉक के बीरपुर और डुण्डा में ऊन आधारित ग्रोथ सेन्टर स्थापित किए गए हैं। चमोली के पीपलकोटी में कांष्ठ आधारित ग्रोथ सेन्टर स्थापित किए गए है। फेब इण्डिया व बड़े ब्राण्डो से उनकी आवश्यकता के अनुरूप ऊन की उपलब्धता के सम्बन्ध में बातचीत की जा रही है।
वहां के वन संरक्षक ने बताया कि “धारचूला, बागेश्वर व जोशीमठ में कीड़ा जड़ी के व्यवस्थित संकलन जल्द शुरू किया जाएगा। वन विकास निगम के सहयोग से कीड़ा-जड़ी की मार्केटिंग की जाएगी।” सचिव एमएसएमई ने जानकारी दी कि अभी तक इस सम्बन्ध में लगभग पचास प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं। पिरूल से रेजिन बनाने की संभावनाओं पर काम किया जाएगा।
सीएम त्रिवेंद्र के निर्देशानुसार, जल्द ही पिरूल उत्पादों की अध्ययन के लिए अधिकारियों का एक दल इंडोनेशिया भेजा जाएगा। इंडोनेशिया में चीड़ की सूखी पतियों पिरूल से 143 प्रकार के उत्पाद बनाए जाते है। राज्य सरकार के प्रयासों से उत्तराखण्ड में अभी तक बागेश्वर में पिरूल से तीन उत्पादों का उत्पादन शुरू हो चुका है। पीपलकोटी में बांस व रेशा उत्पादों के उत्पादन पर आधारित ग्रोथ सेन्टर शुरू किया जाएगा।
प्रमुख वन संरक्षक ने बताया कि विश्व में पाए जाने वाले पक्षियों की विभिन्न 1300 प्रजातियों में 700 प्रजातियां उत्तराखण्ड में पाई जाती है। वन विभाग द्वारा जल्द ही देवलसारी, कुलचैड़ आदि में पर्यटकों को लुभाने के लिए बर्ड वाचिंग टूरिस्ट स्पॉट विकसित किए जा रहे है। स्थानीय लोगों को टूरिस्ट गाइड के रूप प्रशिक्षण दिया जाएगा।
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