‘योगनगरी’ मुंगेर के योग विद्यालय में आध्यात्मिक अनुष्ठान से नए वर्ष का स्वागत
मुंगेर, 1 जनवरी (आईएएनएस)| ‘योगनगरी’ के रूप में चर्चित बिहार के मुंगेर में स्थित विश्व प्रसिद्ध बिहार योग विद्यालय में नववर्ष का आगमन मंगलवार को आध्यात्मिक अनुष्ठान से किया गया।
विद्यालय की परंपरा के अनुसार, यह आयोजन लोगों में सकरात्मक ऊर्जा प्रदान करता है। इस अनुष्ठान की लोकप्रियता न सिर्फ भारत में, बल्कि विदेशों तक है। नववर्ष के आगमन को लेकर इस अनुष्ठान में भाग लेने के लिए भारत के अलावा विदेशों से भी लोग यहां पहुंचे।
इस अनुष्ठान में रामचरित मानस के सुंदर कांड पाठ, रामायण आरती और 108 बार हनुमान चालीसा का पाठ किया गया।
इस वर्ष यहां आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए बिहार योग विद्यालय के परमाचार्य परमहंस स्वामी निरंजनानंद सरस्वती ने कहा कि नववर्ष आत्ममंथन और आत्मविश्लेषण का एक मौका है। अपने दुर्गुणों के प्रति सजग होकर उसका परित्याग करना चाहिए, साथ ही सद्गुणों का विकास करना चाहिए।
नववर्ष के मौके पर आए श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए उन्होंने पूरे राज्यवासियों को नववर्ष की बधाई दी। उन्होंने कहा कि नए उद्देश्य और संकल्प तभी पूरे होंगे, जब सकारात्मकता कायम रहे। सकारात्मक ऊर्जा हमें ईश्वर की आराधना से मिलती है।
नववर्ष के अनुष्ठान का प्रारंभ हनुमान चालीसा के पाठ से किया जाता है। उन्होंने बताया कि भारतीय संस्कृति में हनुमान एक ऐसे आराध्य हैं, जिनका व्यक्तित्व विविध रूपों में है, एक सेवक के रूप में, एक सारथी के रूप में, एक कुशाग्र बुद्धिवाले के रूप में है। वर्ष के आरंभ में पाठ साकारात्मकता की अभिवृद्धि के लिए करते हैं।
उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक जीवन के संतुलित विकास के लिए सेवा, स्वाध्याय, त्याग और समर्पण के अनुशासन को समझना जरूरी है।
इस मौके पर संन्यासियों, बाल योग मित्र मंडल के बच्चों संन्यास प्रशिक्षणार्थियों ने मुंगेर के सैकड़ों भक्तों के साथ मिलकर हर्ष, उल्लास और भक्ति से परिपूर्ण वातावरण में अखंड पाठ किया। इस अनुष्ठान में भाग लेने हांगकांग के 21 सदस्यों का शिष्टमंडल पहली बार यहां पहुंचा था। इन लोगों ने यहां की संस्कृति को निकट से देखा और कहा कि यह उनकी अविस्मरणीय यात्रा है। आश्रम में प्रवास कर रहे दुनिया के विभिन्न देशों के प्रशिक्षणार्थियों ने भी हिस्सा लिया।