उप्र : अतीक अहमद की बैरक की तलाशी के बाद 4 पुलिस अधिकारी निलंबित
लखनऊ, 31 दिसम्बर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के बाहुबली अतीक अहमद की देवरिया बैरक में सोमवार को तलाशी के बाद डिप्टी जेलर देवकांत यादव समेत हेड वार्डन मुन्ना पांडेय, वार्डन राजेश कुमार शर्मा और रामआसरे को दोषी मानते हुए प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
इसके साथ ही अतीक अहमद को बरेली जेल भेजने की सिफारिश की गई है। इसके साथ ही जेल की सीसीटीवी फुटेज को डिलीट करने के मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है।
बाहुबली अतीक अहमद पर आरोप है कि उन्होंने अपने गुर्गो की मदद से लखनऊ निवासी एक कारोबारी मोहित जायसवाल का अपहरण कर उसे देवरिया जेल में अपने बेटे के साथ मिलकर पीटा और रंगदारी मांगी। घटना के सामने आने पर कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने सोमवार को डिप्टी जेलर समेत चार को निलंबित कर दिया। एडीजी (जेल) ने मामला संज्ञान में आने पर 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी है।
प्रमुख सचिव (गृह) अरविंद कुमार ने कहा है कि सरकार ने इस मामले में एडीजी (जेल) से रिपोर्ट तलब की है, ताकि जेल में हुई गड़बड़ियों की जिम्मेदारी तय की जा सके। पुलिस में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, 26 दिसंबर को लखनऊ के रियल एस्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल को अतीक अहमद के गुंडों ने उसकी फार्चुनर गाड़ी समेत अगवा कर लिया था।
रिपोर्ट में कहा गया कि अतीक के गुंडे मोहित को लेकर देवरिया जेल पहुंचे और उसे अतीक अहमद के सामने पेश किया। अतीक अहमद पर आरोप है कि उसने जेल के बैरक में ही कारोबारी को 20 से 25 लोगों से बेरहमी से पिटवाया।
पुलिस के मुताबिक, कारोबारी मोहित ने बताया कि अतीक अहमद बीते दो साल से उससे रंगदारी वसूल रहा था और करीब 75 लाख रुपये की वसूली कर चुका था।