विश्व के सबसे बड़े विज्ञान मेले की मेजबानी करेगी एलपीयू
जालंधर (पंजाब), 30 दिसम्बर (आईएएनएस)| विश्व का सबसे बड़ा विज्ञान मेला कहे जा रहे ‘इंडियन साइंस कांग्रेस’ (आईएससी) 2019 के लिए यहां लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू) द्वारा जोर शोर से तैयारियां की जा रही हैं। यह विज्ञान मेला तीन जनवरी से यूनिवर्सिटी के कैंपस में शुरू हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एलपीयू कैंपस के उद्धघाटन समारोह में करीब तीस हजार प्रतिनिधियों को संबोधित कर आईएससी-2019 का उद्धघाटन करेंगे।
इन प्रतिनिधियों में नोबल पुरस्कार विजेता, केंद्रीय मंत्री, प्रसिद्ध वैज्ञानिक, विज्ञान नीति निर्माता, प्रशासक, युवा शोधकर्ता और देश और विदेशों के स्कूली छात्र शामिल होंगे।
पांच दिवसीय कांग्रेस (तीन से सात जनवरी) के दौरान वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी से जुड़ी थीम के 100 से ज्यादा सम्मेलन और समारोह आयोजित किए जाएंगे। यह आईएससी का 106वां संस्करण है।
इस आयोजन में डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन), इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन), डीएसटी (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग), एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान), यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) व एआईसीटीई (ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन) जैसे प्रमुख संस्थानों और अमेरिका, ब्रिटेन व अन्य देशों के विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक और विशेषज्ञ भाग लेंगे।
भारतीय विज्ञान कांग्रेस संघ (आईएससीए) के अध्यक्ष मनोज कुमार चक्रवर्ती ने कहा कि आईएसएसी 2019 भारत के भावी विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा क्योंकि यह युवा दिमागों के बीच विचारों व नवाचार के आदान-प्रदान के लिए एक मंच मुहैया कराने जा रहा है।
चक्रवर्ती ने कहा, “यह सम्मेलन प्रेरणादायक वैज्ञानिक शोध प्रयास में एक अहम भूमिका निभाएगा और देश व विदेश में वैज्ञानिक मिजाज को बढ़ाएगा।”
एलपीयू के एक प्रवक्ता ने रविवार को कहा कि केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन और कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी समारोह में शिरकत करेंगे।
एलपीयू के कुलाधिपति अशोक मित्तल ने कहा, “लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी ‘इंडियन साइंस कांग्रेस’ की मेजबानी करने वाले देश के पहले निजी विश्वविद्यालयों में एक होने पर गर्व महसूस करती है। मुझे विश्वास है कि साइंस कांग्रेस का यह संस्करण भारत में वैज्ञानिक संवाद के लिए नए मानक स्थापित करेगा।”
मित्तल ने कहा कि एलपीयू के इंजीनियरिंग के छात्रों ने एक विशेष सौर ऊर्जा से लैस कई सीटों वाली चालक रहित बस को डिजाइन किया और बनाया है, जो प्रधानमंत्री को आईएससी स्थल घुमाएगी।
वर्ष 1914 में आईएएससी के पहले सत्र के बाद से यह दूसरी बार है कि साइंस कांग्रेस का आयोजन पंजाब के किसी विश्वविद्यालय में किया जा रहा है।
प्रवक्ता ने कहा, “डीएसटी द्वारा अंतिम रूप दिए गए करीब 150 विज्ञान प्रोजेक्ट को यहां प्रदर्शित किया जाएगा और बच्चों को प्रसिद्ध वैज्ञानिकों व नोबल पुरस्कार विजेताओं से बातचीत करने का अवसर मिलेगा।”
सम्मेलन के दौरान ‘ए प्राइड ऑफ इंडिया’ एक्सपो का अलग से आयोजन किया जाएगा।