ट्रंप ने सीरिया से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने के फैसले का बचाव किया (
बगदाद, 27 दिसम्बर (आईएएनएस)| अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप औचक दौरे पर क्रिसमस के मौके पर इराक में अमेरिकी सैनिकों के बीच पहुंचे। ट्रंप ने इस दौरान सीरिया से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने के अपने फैसले का बचाव करते हुए ऐलान किया कि इस्लामिक स्टेट हार की कगार पर है।
व्हाइट हाउस के मुताबिक, “वे (ट्रंप दंपति) क्रिसमस पर देर रात इराक में अमेरिकी सैनिकों के बीच पहुंचे।”
वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, ट्रंप बुधवार को वाशिंगटन से एक सीक्रेट फ्लाइट से बगदाद में अमेरिकी, इराकी सैन्यअड्डे पर पहुंचे। इस दौरान अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन भी उनके साथ थे।
ट्रंप ने अल असद सैन्यअड्डे पर कहा कि उनकी इराक से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने की कोई योजना नहीं है।
इराक में अमेरिका के लगभग 5,000 सैनिक है, जो इस्लामिक स्टेट को हराने के लिए इराकी सेना की मदद कर रहे हैं।
ट्रंप ने लगभग एक सप्ताह पहले सेना की यथास्थिति को धता बताते हुए सीरिया से अपने सभी सैनिकों और अफगानिस्तान से सैनिकों की लगभग आधी संख्या को वापस बुलाने का ऐलान किया था, जिससे उनके कई राजनीतिक साझेदार खफा हो गए थे।
सीरिया को लेकर ट्रंप के इस फैसले से रक्षा मंत्री जेम्स मैट्टिस ने इस्तीफा दे दिया था।
राष्ट्रपति ट्रंप ने सीरिया से सैनिकों को वापस बुलाने के अपने फैसले का बचाव करते हुए सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा, “हम लंबे समय तक वहां फंसे नहीं रह सकते। सीरिया में हमारी मौजूदगी ओपन-एंडेड नहीं थी और हम वहां स्थाई रूप से नहीं करने वाले थे। मैंने शुरू से ही स्पष्ट किया था कि सीरिया में हमारा मिशन आईएस के गढ़ को नेस्तनाबूद करना था। आठ साल पहले हम वहां आठ महीने के लिए गए थे लेकिन कभी वापस नहीं लौटे। अब हम सही कर रहे हैं। हम इसे खत्म करना चाहते हैं।”
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने कहा कि ट्रंप इराक में प्रधानमंत्री अदेल अब्दुल माहदी से मिलने वाले थे लेकिन उनकी यह बैठक रद्द हो गई। इसलिए दोनों नेताओं ने फोन पर चर्चा की।
इस फोन वार्ता के दौरान ट्रंप ने महादी को व्हाइट हाउस आने के लिए आमंत्रित किया और उन्होंने यह पेशकश स्वीकार कर ली।