IANS

विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही बाधित

नई दिल्ली, 27 दिसम्बर (आईएएनएस)| लोकसभा में राफेल लड़ाकू विमान सौदे और कावेरी जल विवाद सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष के विरोध के बीच सदन की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई। पहले स्थगन के बाद दोपहर को जैसे ही सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, कांग्रेस, एआईएडीएमके और तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के सांसद लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास इकट्ठा हो गए और नारेबाजी करने लगे।

सुमित्रा महाजन ने गुस्साए सांसदों से शून्यकाल चलाने का आग्रह किया लेकिन सांसदों का विरोध जारी रहा।

हंगामे के बीच महाजन ने कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे से बोलने को कहा।

इससे पहले प्रश्नकाल के दौरान सुमित्रा महाजन ने खड़गे को बोलने की अनुमति नहीं दी थी। वह संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) और राफेल विमानों की खरीद पर कुछ कहना चाहते थे।

पहले स्थगन के बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, खड़गे उस समय सदन में मौजूद नहीं थे।

इसके बाद आम आदमी पार्टी (आप) सांसद भगवंत मान को बोलने की अनुमति दी गई। उन्होंने सदन से 17वीं सदी में सिखों के 10वें गुरु गुरु गोविंद सिंह के चार बेटों के निधन पर संवेदना व्यक्त करने का आग्रह किया और कहा कि उनके बलिदान को याद रखा जाए।

कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन, शिरोमणि अकाली दल के प्रेम सिह चंदूमाजरा और भाजपा सांसद एस.एस.आहलुवालिया ने भी मुद्दे को उठाते हुए सदन से दो मिनट का मौन बनाए रखने का आग्रह किया।

सुमित्रा महाजन ने सदन की ओर से संवेदना जताते हुए कहा, “यह सिख धर्म या किसी विशेष धर्म से जुड़ा हुआ नहीं है। गुरु गोबिंद सिंह के दो बेटों ने छह और चार साल की आयु में अपना जीवन बलिदान कर दिया था। देश उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेगा।”

उसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही जारी रखने की अनुमति दी और हंगामे के बीच सदन के पटल पर दस्तावेज रखे गए।

कांग्रेस सांसद 36 राफेल विमान सौदे की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग कर रहे थे जबकि एआईएडीएमके के सांसद कावेरी नदी पर बांध बनाने के प्रस्ताव को वापस लेने की मांग कर रहे थे।

तेदेपा सांसदों ने आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा दिए जाने की मांग सहित विभिन्न मुद्दों पर हंगामा किया।

समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेद्र यादव ने आरक्षण के मुद्दे को उठाया लेकिन जब उन्हें बोलने के लिए एक मिनट से अधिक का समय नहीं दिया गया तो वह सदन से वॉकआउट कर गए।

सुमित्रा महाजन ने कामकाज जारी रखने की कोशिश की लेकिन सांसदों ने विरोध जारी रखा, जिसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

इससे पहले सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित की गई थी।

 

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