संसद में कामकाज नहीं होने से छोटी पार्टियों पर असर : सिक्किम सांसद
नई दिल्ली, 26 दिसम्बर (आईएएनएस)| सिक्किम के एकमात्र सांसद पी.डी.राय का कहना है कि संसद में लगातार कामकाज नहीं होना छोटी पार्टियों जैसे सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के हितों को जोखिम में डाल रहा है और यह उन्हें उनके राज्यों से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाने से रोक रहा है।
संसद में राफेल लड़ाकू विमान सौदे सहित विभिन्न मुद्दों पर जारी गतिरोध का जिक्र करते हुए राय ने कहा यह न सिर्फ क्षेत्रीय पार्टियों के हितों को कमजोर कर रहा है, बल्कि उनके अधिकारों को भी कमजोर कर रहा है।
पी.डी.राय ने आईएएनएस से कहा, “दो हफ्ते पहले ही बीत चुके हैं और संसद में कोई कार्य नहीं हुआ है। यह हम जैसी छोटी पार्टियों पर बहुत ही नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है क्योंकि हम चाहते हैं कि सरकार लिमबू-तमंग सीटों के लिए संविधान में संशोधन करे, जिसके लिए हम लंबे समय से लड़ रहे हैं।”
एसडीएफ के अकेले सांसद ने कहा कि उन्हें सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन चामलिंग (एसडीएफ के पवन चामलिंग अध्यक्ष हैं) की तरफ से निर्देश है कि वह विधानसभा की 32 सीट को विस्तार देकर 40 सीट करने की मांग और लिंबू व तमांग के अनुसूचित जनजाति समुदाय के लिए पांच सीटें आरक्षित करने की मांग को उठाएं। यह मांग लंबे समय से लंबित है।
उन्होंने कहा, “सर्वोच्च न्यायालय ने 2016 में भारत सरकार को लिंबू-तमांग समुदायों को न्याय देने का निर्देश दिया था। सिक्किम सरकार ने अपना जवाब 2016 में दे दिया था..और अब 2018 है और केंद्र सरकार अब भी इसे संसद में लाने में सक्षम नहीं हुई है।”
उन्होंने कहा, “सच तो यह है कि इसे कैबिनेट में भी नहीं लाया गया है।”
पी.डी.राय ने आग्रह किया कि अगर विधेयक संभव नहीं है तो उसी तरह के प्रभाव वाला एक अध्यादेश लागू करना चाहिए।
वह भारतीय संविधान की धारा 371एफ के तहत सीमावर्ती राज्य के 11 समुदायों को जनजातीय दर्जा दिए जाने के मुद्दे को भी उठाना चाहते हैं, लेकिन संसद में लगातार गतिरोध की वजह से वह ऐसा नहीं कर पा रहे हैं।
उन्होंने कहा, “जिस तरह से संसद में कामकाज नहीं हो रहा है इसका सीधा असर हम जैसी छोटी पार्टियों पर पड़ता है। हम प्रश्नकाल या शून्यकाल या किसी संसदीय कार्यवाही में भाग लेने में सक्षम नहीं हैं। यह पूरी तरह से समय की बर्बादी है..कई तरीकों से संसद में हमारे सुने जाने के अधिकार को रौंदा जा रहा है।”