सरकार 3 तलाक कानून बनाने को प्रतिबद्ध : मोदी
गांधीनगर, 22 दिसंबर (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि कट्टरपंथियों और विपक्ष की ओर से रोड़े अटकाए जाने के बावजूद सरकार मुस्लिम महिलाओं के वास्ते सामाजिक न्याय सुनिश्चित करवाने के लिए तीन तलाक के दस्तूर के खिलाफ कानून बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) महिला मोर्चा के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने यहां कहा, “सारी बाधाओं और कट्टरपंथियों व विपक्ष के प्रतिरोध के बावजूद सरकार तीन तलाक के विरुद्ध कानून बनाने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि मुस्लिम महिलाओं को अपने सामाजिक जीवन में बड़ी असुरक्षा से छुटकारा मिले।”
सरकार ने पिछले साल मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार सुरक्षा) विधेयक लाया था, जिसे लोकसभा में उसी दिन पारित कर दिया गया, लेकिन विधेयक राज्यसभा में अटक गया जहां सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को बहुमत नहीं है। विपक्ष ने तीन तलाक को आपराधिक कृत्य बनाने पर गंभीर चिंता जाहिर की।
प्रस्तावित कानून में पत्नी को तीन तलाक देने वाले पुरुष को तीन साल तक की सजा सुनाई जा सकती है। इस्लाम के हनाफी पंथ के कानून में तीन तलाक को वैध माना गया है।
इसके बाद सरकार ने इस साल सितंबर में इस मसले पर अध्यादेश लाया, जिसे संसद के मौजूदा सत्र में कानून का जामा पहनाना है, अन्यथा अध्यादेश की अवधि समाप्त हो जाएगी।
मोदी ने कहा कि सरकार ने पहले की महिला हज यात्रा पर जाने के लिए महरम की शर्त हटा दी है।
इससे पहले, भारत की मुस्लिम महिला अकेले हज पर नहीं जा सकती थी। उसके साथ पति या रक्त संबंध के किसी अभिभावक का जाना अनिवार्य था।
सरकार ने पिछले साल इस शर्त को हटा दिया और करीब 1,300 महिलाओं ने महरम के बगैर हज की यात्रा की।
मोदी ने इस मौके पर कई परियोजनाओं की फेहरिस्त दी,जोकि उनकी सरकार ने महिलाओं के कल्याण के लए लाई है, मसलन उज्ज्वला और सुरक्षित मातृत्व।
उन्होंने कहा, “महिलाएं कई प्रमुख कार्यक्रमों के केंद्र में हैं और पहली बार सुरक्षा मामले की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) में दो महिलाओं को शामिल किया गया है।”
मोदी ने सम्मेलन में उपस्थित भाजपा कार्यकर्ताओं को नरेंद्र मोदी एप डाउनलोड करके सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी उनके संपर्क के लोगों को भेजने को कहा।
प्रधानमंत्री ने कहा, “जब मैं दुनिया के नेताओं को बताता हूं कि भारत में महिलाओं को 36 महीने की मातृत्व अवकाश लेने की अनुमति है तो मुझसे नजर नहीं मिला पाते हैं। विकसित देशों ने भी महिलाओं को ऐसी सुविधा नहीं दी है।”
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार मुद्रा योजना समेत विविध परियोजनाओं के माध्यम से महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन देने की कोशिश कर रही है। मुद्रा योजना के तहत महिला उद्यमियों को ज्यादा ऋण बांटे गए हैं।