किसानों के कर्ज माफ करना लाजिमी : चिदंबरम
बेंगलुरू, 21 दिसम्बर (आईएएनएस)| कृषि कर्जमाफी योजना का बचाव करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने शुक्रवार को यहां कहा कि देशभर में कृषि के हालात संकटग्रस्त होने के कारण किसानों को कर्जमुक्त करना लाजिमी है।
यहां पार्टी के प्रदेश कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान चिदंबरम ने कहा, “मौजूदा हालात में कृषि कर्जमाफी लाजिमी है। औसतन हर किसान परिवार पर 90,000 से एक लाख रुपये का कर्ज है। वे कैसे इस कर्ज को अदा कर सकते हैं।”
चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस के चुनाव घोषणा-पत्रों में किए गए वादों के अनुसार, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में नव-निर्वाचित सरकारों ने किसानों के दुख-दर्द को सुना और उनके कर्ज माफ किए हैं।
पूर्व वित्तमंत्री ने दुख जताते हुए कहा कि महाराष्ट्र के सिर्फ एक जिले में 100 से अधिक किसानों ने आत्महत्या की। उन्होंने कहा कि देश में 10 करोड़ किसान परिवारों में 5.28 करोड़ छोटे और सीमांत किसान हैं।
चिदंबरम से जब पूछा गया कि क्या कर्जमाफी अर्थशास्त्र के लिए बुरी, जबकि राजनीति के लिए अच्छी है? तो उन्होंने कहा कि यह लोगों को तय करना है कि कर्जमाफी अच्छा है या बुरा।
कांग्रेस नेता ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “जो अर्थशास्त्री कृषि ऋणमाफी की आलोचना कर रहे हैं, उनको किसानों की कठिनाइयों का अनुभव करने के लिए खेती करनी चाहिए।”
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर रघुराम राजन समेत कई अर्थशास्त्रियों का कहना है कि कृषि ऋणमाफी योजना से देश की वित्त-व्यवस्था पर भारी कठिनाइयां पैदा होंगी। उन्होंने चुनाव आयोग से कर्जमाफी के मसले को चुनावी वादों से बाहर रखने को कहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 17 दिसंबर को दिल्ली में कहा था कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तबतक चैन की नींद सोने नहीं देंगे, जबतक वह अगले आम चुनाव से पहले देश के सभी किसानों के कर्ज माफ नहीं कर देते। अगला आम चुनाव अप्रैल-मई 2019 में होने वाला है।
कर्नाटक में कांग्रेस की पिछली सरकार ने वित्त वर्ष 2016-17 में 8,165 करोड़ रुपये के कृषि कर्ज माफ किए थे। वहीं, मौजूदा जनता दल (सेकुलर) और कांग्रेस गठबंधन की सरकार ने जून में 48,000 करोड़ रुपये के कृषि कर्ज माफ करने की घोषणा की।