बंबई उच्च न्यायालय ने दुष्कर्म, हत्यारोपी की मृत्युदंड की सजा बरकरार रखी
मुंबई, 20 दिसम्बर (आईएएनएस)| बंबई उच्च न्यायालय ने आंध्रप्रदेश की इंजीनियर एस्थर अनुहिया से मुंबई में दुष्कर्म करने और उसकी हत्या मामले में अभियुक्त चंद्रभान सुदम सनप को निचली अदालत द्वारा दी गई मृत्युदंड की सजा को गुरुवार को बरकरार रखा।
न्यायमूर्ति रंजीत मोरे और न्यायमूर्ति भारती दांगरे की खंडपीठ ने महिला अदालत के दिसंबर 2015 के आदेश की पुष्टि की जिसमें मामले को दुर्लभतम श्रेणी का करार देते हुए कहा गया कि इस घटना से समाज को गहरा सदमा पहुंचा।
अदालत ने आगे कहा कि उसने 28 वर्षीय (सजा सुनाते वक्त) आरोपी के चेहरे पर किसी प्रकार के पश्चाताप के लक्षण नहीं देखे और उसमें किसी प्रकार के सुधार की संभावना नहीं है, इसलिए ऐसा व्यक्ति समाज के लिए खतरनाक है।
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (टीसीएस) में कार्यरत 23 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर एस्थर को पांच जनवरी 2014 को सनप ने अपने मोटरसाइकिल पर लोकमान्य तिलक टर्मिनस से अंधेरी स्थित उसके हॉस्टल के लिए लिफ्ट दिया था।
सनप ने उसके साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या कर दी। उसके बाद उसने उसके शव को जलाकर भांडुप के पास ईस्टर्न एक्सप्रेसवे पर सुनसान इलाके में फेंक दिया। राहगीरों के बताने पर 11 दिन बाद उसका आधा जला हुआ शव बरामद किया गया।
एस्थर के गायब होने के करीब दो महीने बाद मामले को सुलझाने वाले जांचकर्ताओं ने बताया कि सनप मोबाइल फोन चोर था और अपराध के पीछे उसकी मंशा लूटपाट की ही थी।
एस्थर अपने परिवार के साथ मचिलीपत्तनम में क्रिसमस और नये साल का उत्सव मनाकर सुबह पांच बजे विशाखापत्तनम-एलटीटी एक्सप्रेस से लौटी थी।
रास्ते में सनप ने पेट्रोल समाप्त होने का बहाना बनाकर बाइक रोकी और एस्थर को दबोचकर झाड़ी में ले गया। उसने उसका विरोध किया जिसपर उसने पत्थर मारकर उसे घायल कर दिया और उसके साथ दुष्कर्म करने के बाद दुपट्टा से उसका गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। उसके बाद वह उसका लैपटॉप और अन्य सामान लेकर भाग गया।
बाद में वह फिर मोबाइल फोन खोजने आया, लेकिन उसे मोबाइल नहीं मिला। वह उसका शव जलाकर मौके से भाग गया।
इस घटना को लेकर काफी विरोध-प्रदर्शन हुआ। बाद में मुंबई पुलिस और रेलवे पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे के फुटेज और मोबाइल कॉल रिकॉर्ड के आधार पर मामले को सुलझाया।