इसरो ने प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए 14 कंपनियों को शार्टलिस्ट किया
चेन्नई, 17 दिसम्बर (आईएएनएस)| भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने अपनी लिथियम आयन सेल प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण के लिए 14 कंपनियों को शार्टलिस्ट किया है, जबकि 100 से ज्यादा कंपनियों ने इसमें रुचि दिखाई थी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है। विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) के निदेशक एस. सोमनाथ ने आईएएनएस को बताया, “हमारी लिथियम आयन बैटरी प्रौद्योगिकी में 100 से ज्यादा कंपनियों ने रुचि दिखाई थी। उनमें से 14 को शार्टलिस्ट किया गया है। उनके साथ शर्तो पर सहमति हो जाने के बाद हम उनके साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) में शामिल होंगे।”
वीएसएससी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का हिस्सा है।
सोमनाथ ने कहा कि इसरो ने पहले ही अपनी स्पेस ग्रेड लिथियम आयन बैटरियों के उत्पादन के लिए भेल को प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण कर दिया है।
इसरो ने जून में वाहन उद्योग में उपयोग के लिए भारतीय उद्योग को गैर-विशिष्ट आधार पर अपनी लिथियम आयन सेल प्रौद्योगिकी को एक करोड़ रुपये में स्थानांतरित करने के अपने फैसले की घोषणा की थी।
अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा था कि इस पहल से स्वदेशी इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के विकास में तेजी आएगी।
इसरो ने कहा था कि केरल स्थित वीएसएससी, लिथियम आयन सेल प्रौद्योगिकी को सफल भारतीय उद्योगों/स्टार्ट-अप को गैर-विशिष्ट आधार पर देश में उत्पादन सुविधाओं की स्थापना के लिए स्थानांतरित करेगा।
इसरो अपने रॉकेट और उपग्रहों को शक्ति देने के लिए विभिन्न आकारों और शक्ति (1.5 एम्पीयर से 100 एम्पियर) की लिथियम आयन सेल बैटरी बनाता है।
वर्तमान में, लिथियम आयन बैटरी औद्योगिक अनुप्रयोगों और एयरोस्पेस के अलावा मोबाइल फोन, लैपटॉप, कैमरे और कई अन्य पोर्टेबल उपभोक्ता गैजेट में उपयोग की जानेवाली सबसे प्रभावशाली बैटरी है।
बैटरी प्रौद्योगिकी में हालिया प्रगति ने इसे इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पसंदीदा बिजली स्रोत भी बनाया है।