भारत, मालदीव हिंद महासागर की सुरक्षा पर सहयोग बढ़ाएंगे
नई दिल्ली, 17 दिसम्बर (आईएएनएस)| भारत और मालदीव ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के बीच यहां प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद हिंद महासागर में शांति व सुरक्षा को बनाए रखने के लिए सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है। इसके साथ ही भारत इस द्विपीय देश को 1.4 अरब डॉलर के ऋण प्रदान करेगा। दोनों पक्षों ने संस्कृति सहयोग, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स सहयोग, कृषि व्यापार के लिए बेहतर वातावरण बनाने समेत चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
मोदी ने वार्ता के बाद सोलिह के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, “राष्ट्रपति सोलिह और मैं इस बात पर सहमत हैं कि हिंद महासागर में सुरक्षा व शांति बनाए रखने के लिए हमें हमारे सहयोग को और मजबूत करने की जरूरत है।”
उन्होंने कहा, “भारत और मालदीव दोनों हमारे क्षेत्र में विकास व स्थिरता में बराबर हित व भागीदारी साझा करते हैं।”
यह बताते हुए कि दोनों देशों के सुरक्षा हित एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं, मोदी ने कहा कि क्षेत्र की स्थिरता और एक-दूसरे की चिंताओं व हित पर सर्वसम्मति है।
उन्होंने कहा, “हम अपने देशों का एक-दूसरे को नुकसान पहुंचाने की कोशिशों के लिए इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं देंगे।”
उन्होंने कहा, “मैं राष्ट्रपति सोलिह के साथ हमारे क्षेत्र के उज्जवल भविष्य और भारत व मालदीव के बीच संबंधों की सभी संभावनाओं के लिए काम करना चाहता हूं।”
दोनों नेताओं के बीच चर्चा के बाद जारी संयुक्त बयान के अनुसार, दोनों नेता गश्त और हवाई सर्वेक्षण के समन्वय के जरिए हिंद महासागर में समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने और सहयोग को मजबूत करने पर सहमत हुए।
बयान के अनुसार, “दोनों नेताओं ने आतंकवाद के सभी रूपों से निपटने के लिए समर्थन और सहयोग की प्रतिबद्धता दोहराई।”
बयान के अनुसार, “दोनों क्षेत्र समुद्री डकैती, आतंकवाद, संगठित अपराध, मादक पदार्थो और मानव तस्करी समेत सामान्य चिंताओं के विषय पर द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।”
प्रधानमंत्री ने मालदीव के राष्ट्रमंडल में दोबारा शामिल होने के निर्णय की सराहना की और देश के हिंद महासागर रिम एसोसिएशन में शामिल होने का स्वागत किया।
अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि भारत को इस बात पर गर्व है कि मालदीव अब कम विकसित देशों की श्रेणी से बाहर निकलकर एक मध्यम आय वाला देश बन गया है।
उन्होंने कहा, “मालदीव ने यह सब सतत विकास और जलवायु बदलाव की चुनौतियों के बीच प्राप्त किया।”
मोदी ने कहा, “इन सब चुनौतियों से निपटने और समुद्री संसाधनों के सतत विकास के क्षेत्र में पूरे विश्व में मालदीव की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।”
उन्होंने कहा, “इसलिए हम, भारत और मालदीव के बीच विभिन्न पहलुओं पर साझा सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए हैं।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत हमेशा सोलिह सरकार के मालदीव के लोगों की जिंदगी में बदलाव लाने के लिए महत्वाकांक्षी योजनाओं को पूरा करने और देश में विकास को मानवीय चेहरा देने के प्रयासों में साथ रहेगा।
उन्होंने कहा, “मैं खुश हूं कि मालदीव के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए प्रतिबद्धता की प्रत्यक्ष अभिव्यक्ति के तौर पर भारत इस देश को 1.4 अरब डॉलर के बजटीय समर्थन, मुद्रा अदला-बदली और रियायती ऋण की सहायता प्रदान करेगा।”
मोदी ने इसके साथ ही भारत और मालदीव के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाने का आह्वान किया, क्योंकि बेहतर केनक्टिविटी से वस्तु एवं सेवा, सूचना, विचार, संस्कृति और लोगों के आदान-प्रदान में सहायता मिलेगी।
उन्होंने इसके साथ ही दोनों देशों के बीच स्वास्थ्य, मानव संसाधन विकास, बुनियादी ढांचे, कृषि, क्षमता निर्माण और पर्यटन के क्षेत्र में भागादीरी को मजबूत करने का आह्वान किया।
इसके संबंध में, मोदी ने प्रशिक्षण व क्षमता निर्माण के लिए मालदीव के छात्रों के लिए 1000 अतिरिक्त सीटों की पेशकश की।
प्रधानमंत्री ने वाणिज्यिक संबंधों और द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने का भी आह्वान किया।
उन्होंने कहा, “मैं मालदीव में भारतीय कंपनियों के निवेश के बढ़ते अवसर का स्वागत करता हूं।”
संयुक्त बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने मत्स्य विभाग, पर्यटन, यातायात, कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य, शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और संचार के क्षेत्र में आर्थिक सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।
सोलिह ने कहा कि चर्चा के दौरान, दोनों पक्षों ने लोकतंत्र को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
उन्होंने कहा, “हमने हिंद महासागर की सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता की साझा जरूरत पर सहमति जताई है।”
बयान के अनुसार, सोलिह ने अपनी सरकार की ‘भारत पहले की नीति’ दोहराई और भारत के साथ घनिष्ठता से काम करने को लेकर प्रतिबद्धता जताई।
बयान के अनुसार, उन्होंने भारत सरकार की ओर से मालदीव को दी जाने वाली सहायता की सराहना की और घर और अवसंरचना विकास में निजी क्षेत्र की संलिप्तता, जल व निकासी प्रणाली, स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा व पर्यटन क्षेत्र समेत कई क्षेत्रों के विकास में सहयोग के लिए पहचान की।
अपने संबोधन में, सोलिह ने कहा कि उन्होंने अगले वर्ष मालदीव का दौरा करने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और मोदी को निमंत्रण दिया है।
इससे पहले दिन में, सोलिह का राष्ट्रपति भवन में रस्मी स्वागत किया गया, जहां मोदी ने उन्हें गले लगाया।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी आगंतुक नेता से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं पर चर्चा की।
सोलिह तीन दिवसीय भारत दौरे पर रविवार को यहां पहुंचे थे। यह 17 नवंबर को उनके कार्यभार संभालने के बाद उनकी पहली विदेशी यात्रा है।
भारत और मालदीव के बीच सोलिह के पूर्ववर्ती अब्दुल्ला यामीन द्वारा फरवरी में इस वर्ष आंतरिक आपातकाल लगाने के बाद संबंध बिगड़ गए थे। सोलिह सितंबर में हुए चुनाव में यामीन को हराकर राष्ट्रपति पद पर काबिज हुए हैं।