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भूपेश बघेल बने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, सोमवार को लेंगे शपथ

 रायपुर, 16 दिसंबर (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस प्रमुख भूपेश बघेल ने विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद रविवार को राजभवन जाकर सरकार गठन करने का दावा पेश किया।

  बघेल सोमवार शाम 4.30 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल 58 वर्षीय बघेल को पद एवं गोपीयता की शपथ दिलाएंगी। राज्यपाल के प्रतिनिधि के तौर पर राज्यपाल के सचिव सुरेंद्र कुमार जायसवाल ने बघेल का दावापत्र ग्रहण किया। उसके बाद राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 17 दिसंबर की शाम 4:30 बजे भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री के पद की शपथ लेने के लिए आमंत्रित किया।

इस आशय का पत्र राज्यपाल के सचिव जायसवाल ने भूपेश बघेल को सौंपा है। बघेल के साथ नवनिर्वाचित विधायक रवींद्र चौबे, सत्यनारायण शर्मा, अमितेश शुक्ल, रामपुकार सिंह, मोहम्मद अकबर, मनोज मंडावी, कवासी लखमा, शिवकुमार डहरिया, अमरजीत भगत, विकास उपाध्याय, देवेंद्र यादव और कई अन्य विधायक भी थे।

इससे पहले, राजीव भवन स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में विधायक दल की बैठक के बाद कांग्रेस पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे ने संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री पद के लिए भूपेश बघेल के नाम की औपचारिक घोषणा की।

खड़गे ने कहा कि बघेल सोमवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।

पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता खड़गे ने कहा, “बघेल को विधायक दल का नेता चुना गया है। सभी विधायकों ने एक स्वर में कहा है कि ‘राहुल गांधी जिसे चुनेंगे, वही हमारा नेता होगा।’ सभी से चर्चा के बाद नाम पर आम सहमति बनी। हम सभी को विश्वास है कि भूपेश बघेल सबको साथ लेकर चलेंगे।”

उन्होंने कहा कि सोमवार 17 दिसंबर को भूपेश बघेल रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। कोई नेता बड़ा या छोटा नहीं होता, सभी बराबर होते हैं।

खड़गे ने कहा कि सोमवार को सिर्फ मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण करेंगे। बाद में बैठक मंत्रियों के नाम तय किए जाएंगे।

छत्तीसगढ़ की 2.55 करोड़ की आबादी में 52 फीसदी लोग ओबीसी समुदाय के हैं। उनके बीच बघेल धाकड़ नेता माने जाते हैं। पांचवीं बार विधायक बने बघेल ने कहा, “मैं 10 दिनों के भीतर किसानों का बैंक कर्ज माफ करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।”

पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से एमए की डिग्री लेनेवाले बघेल ने कहा कि कांग्रेस सरकार बस्तर में नक्सलियों के साथ सांठगांठ कर कांग्रेस को खत्म करने के लिए मई, 2013 में झीरम घाटी से गुजरते काफिले पर हमला करवाए जाने की एसआईटी जांच करवाएगी और साजिश का पर्दाफाश करेगी।

उन्होंने कहा, “झीरम घाटी में हमारे वरिष्ठ नेता विद्याचरण शुक्ल, नंदकुमार पटेल, महेंद्र कर्मा सहित 25 के लगभग कांग्रेस नेताओं की जान ले ली गई। आज हम इन शहीदों को बड़े शिद्दत से याद करते हैं और प्रदेश को भरोसा दिलाते हैं इनकी शहादत को हम बेकार नहीं जाने देंगे।”

मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद बघेल ने अपने पहले ट्वीट में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के प्रति आभार प्रकट किया और कहा, “राहुलजी ने मुझे नए छत्तीसगढ़ के निर्माण की जिम्मेदारी दी है। मैं छत्तीसगढ़ के लोगों को आश्वस्त कर सकता हूं कि कांग्रेस सरकार उनकी आशाओं और अपेक्षाओं पर खरे उतरेगी।”

कांग्रेस की ओर से भी ट्वीट किया गया, “हम कामना करते हैं कि भूपेश बघेल समानता, पारदर्शी और समग्रता की सरकार बनाएंगे और इसकी शुरुआत किसानों के कर्ज माफ करने के साथ करेंगे, जैसा हमने वादा किया था।”

एक किसान परिवार से ताल्लक रखनेवाले बघेल की छवि जुझारू नेता की रही है। उन्होंने सधी हुई रणनीति से कड़े मुकाबले में 90 में से 68 सीटें अपनी पार्टी को दिलाकर 15 साल से राज्य की सत्ता पर काबिज भाजपा की रमन सिंह सरकार को पटखनी दे दी है।

खास बात यह कि बघेल का मुख्यमंत्री के रूप में चयन निर्विरोध और निर्विवाद रहा। मध्यप्रदेश और राजस्थान की तरह छत्तीसगढ़ में कोई खींचतान नहीं देखी गई।

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