राफेल मामले में ‘तथ्यात्मक गलती’ के पीछे मोदी सरकार : कांग्रेस
नई दिल्ली, 15 दिसम्बर (आईएएनएस)| राफेल सौदा मामले में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले में तथ्यात्मक गलती के लिए नरेंद्र मोदी सरकार पर को जिम्मेदार ठहराते हुए कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि अदालत सौदे में भ्रष्टाचार की जांच के लिए सही मंच नहीं है और न ही यह फैसला केंद्र की भाजपा नीत सरकार को ‘क्लीन चिट’ है। कैग की रपट, जिसके आधार पर सर्वोच्च न्यायालय ने सौदे में कथित भ्रष्टाचार के मामले में याचिकाएं खारिज कीं, वह कांग्रेस और सत्तारूढ़ भाजपा के बीच ताजा संघर्ष का विषय बना हुआ है।
कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने यहां मीडिया को संबांधित करते हुए कहा कि शुक्रवार का फैसला ‘तथ्यात्मक रूप से गलत’ था, जिसके लिए मोदी नीत केंद्र सरकार जिम्मेदार है।
सिब्बल ने कहा, “फैसले में तथात्मक गलती है, जिसके लिए सरकार जिम्मेदार है, न कि अदालत। अगर आप अदालत को गलत तथ्य देंगे और उस आधार पर अदालत तथ्यात्मक दावे करती है, तो इस मामले में सरकार जिम्मेदार है।”
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपने फैसले में कहा था कि ‘सौदे की कीमत से संबंधित जानकारी कैग के साथ साझा की गई है और कैग की रपट लोक लेखा समिति(पीएसी) द्वारा जांची गई’। सिब्बल ने कहा कि कैग की रपट के किसी भी हिस्से को संसद में पेश नहीं किया गया और न हीं यह सार्वजनिक है।
उन्होंने कहा, “हमें महान्यायवादी को पीएसी में तलब करना चाहिए और उनसे पूछना चाहिए कि क्यों इस प्रकार के दावे अदालत के समक्ष किए गए और क्यों ऐसे हलफनामे पेश किए गए, जो सच्चाई नहीं दर्शाते हैं।”
पूर्व कानून मंत्री ने कहा, “अदालत के समक्ष इस तरह के गलत तथ्य पेश करने के लिए महान्यायवादी जिम्मेदार हैं। यह एक संगीन मुद्दा है और संसद में इसपर चर्चा होनी चाहिए। पीएसी महान्यायवादी को बुलाएंगे।”
इस ओर ध्यान दिलाते हुए कि सर्वोच्च न्यायालय ने कीमत के मुद्दे या फिर विमान के तकनीकी पहलुओं पर फैसला नहीं सुनाया, सिब्बल ने मोदी सरकार को फैसले को खुद के लिए क्लीन चिट बताने पर निशाना साधा।
सिब्बल ने भाजपा के प्रमुख नेताओं द्वारा फैसले को मोदी सरकार के लिए क्लीन चिट बताने और कांग्रेस पर राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाने वाले बयानों के संदर्भ में कहा, “यह बचकानी बात है कि सरकार और भाजपा जीत का दावा कर रही है।”