बॉमा कॉनेक्स्पो शुरू, 30 देशों के 750 भागीदार पहुंचे
गुरुग्राम, 11 दिसम्बर (आईएएनएस)| निर्माण मशीनरी, निर्माण सामग्री की मशीनों, खनन मशीनों और निर्माण वाहन उद्योग का अंतर्राष्ट्रीय कारोबार मेला ‘बॉमा कॉनेक्स्पो इंडिया 2018’ का पांचवां संस्करण मंगलवार को हुडा ग्राउंड में शुरू हुआ। इसमें 30 देशों के लगभग 750 देशी-विदेशी आपूर्तिकर्ता, निर्माता, आयातक, डीलर, सेवा प्रदाता हिस्सा ले रहे हैं। मैसे म्युनशेन इंटरनेशनल इस मेले का आयोजन इंडियन कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट मैनुफैक्च र्स एसोसिएशन और बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सहयोग से कर रही है।
11 से 14 दिसम्बर तक चलने वाले मेले में विनिर्माण उद्योग से जुड़ी चुनौतियों और समाधानों पर चर्चा की जाएगी तथा पैनल चर्चाओं, जानकारीपूर्ण सत्रों एवं सेमिनारों के माध्यम से आधुनिक तकनीकों एवं आगामी रुझानों पर भी रोशनी डाली जाएगी। इस बार 1,95,000 वर्गमीटर क्षेत्रफल में प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है।
‘इंडियन कंस्ट्रकशन इक्विपमेंट मार्केट बाई सेगमेंट, बाय प्रोडक्ट टाइप, कंपीटीशन फोरकास्ट एंड अपार्चुनिटीज 2012-2014’ रिपोर्ट के अनुसार, भारत में वित्तवर्ष 2018 से 2024 के बीच निर्माण उपकरण उद्योग का 6.8 फीसदी की दर से विकास होगा। इसके अलावा तेजी से बढ़ते शहरीकरण, बढ़ते विदेशी निवेश एवं अनुकूलित उपकरणों की बढ़ती मांग के कारण आने वाले सालों में भारत में निर्माण उपकरणों की मांग बढ़ेगी।
बीसी एक्सपो इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भूपिंदर सिंह ने कहा, “बुनियादी सुविधाओं, निर्माण एवं खनन क्षेत्र में निवेश के कारण भारतीय निर्माण उपकरण सेगमेंट देश का सबसे तेजी से विकसित होता क्षेत्र बन गया है। हमें उम्मीद है कि कारोबर मेला भारतीय बाजार के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा।”
उन्होंने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्च र इक्विपमेन्ट स्किल काउन्सिल द्वारा कौशल विकास कार्यशालाओं का आयोजन किया गया है, जिसमें कुशल, प्रशिक्षित एवं प्रमाणित कार्यबल की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।
श्रेई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी देवेन्द्र कुमार व्यास ने कहा कि निर्माण उपकरण मशीनों की बिक्री काफी अच्छी है और यह तेजी से बढ़ रही है। जनवरी से नवम्बर के बीच निर्माण उपकरणों की बिक्री 30-35 प्रतिशत तक रही। इस वृद्धि का प्रमुख कारण राष्ट्रीय राजमार्ग, राजस्तरीय राजमार्ग व स्थानीय निकाय के लगातार बढ़ते कार्य हैं। वर्तमान समय में यहां डिमांड काफी अच्छी है जिसके कारण मशीनरी निर्माता भारत में निवेश कर रहे हैं, जिससे देश में विनिर्माण इकाई लगातार बढ़ रही है।
भारतीय निर्माण उद्योग 3.3 अरब डॉलर का उद्योग है जो भारत सरकार द्वारा शुरू की गई कई परियोजनाओं के कारण तेजी से विकसित हो रहा है। इन परियोजनाओं मंे सड़कों का निर्माण, नदियों को सिंचाई परियोजनाओं से जोड़ना शामिल है। निर्माण उपकरण (सीई) की बिक्री 2017 में 69,000 युनिट्स से बढ़कर 74,900 युनिट्स पर पहुंच गई, जिसके 2018 में 82,500 युनिट्स तक पहुंचने का अनुमान है।