बिहार ने 14 वर्षो में काफी प्रगति की : सुशील मोदी
पटना, 7 दिसंबर (आईएएनएस)| बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने यहां शुक्रवार को कहा कि पिछले 14 वर्षो में राज्य ने विभिन्न सामाजिक, आर्थिक मामलों में काफी प्रगति की है। वित्त आयोग सहित कई मानकों पर कुशल वित्तीय प्रबंधन से बिहार की विकास दर राष्ट्रीय औसत सात की तुलना में पिछले एक दशक से 10 प्रतिशत बनी हुई है। एशियन डेवलपमेंट रिसर्च सेंटर (आद्री) द्वारा स्थापित आर्थिक नीति एवं लोक वित्त केंद्र (सीईपीपीएफ) के 10 वर्ष पूरे होने के मौके पर आयोजित ‘पब्लिक फाइनेंस : थ्योरी, प्रैक्टिस एवं चैलेंज’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए मोदी ने कहा कि बिहार राजस्व अधिशेष वाला राज्य रहा है और पिछले दशक में योजनागत व्यय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2005 से 2018 के बीच बिहार के बजट में सातगुना वृद्धि हुई है।
इस सम्मेलन में अपनी बात रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर डॉ़ वाइऱ् वी़ रेड्डी ने कहा, “भारतीय रिजर्व बैंक स्वतंत्र रूप से काम करता है, लेकिन राज्य के साथ सघन समन्वय बनाए रखता है।”
उन्होंने बताया कि वित्तीय अस्थिरता और राजनीतिक अस्थिरता साथ-साथ चलते हैं। उन्होंने लेखाकरण के सिद्धांतों के महत्व की जरूरत पर भी बल दिया।
लोक वित्त विशेषज्ञ एम़ गोविंद राव ने लोक वित्त के लिए नीति निर्माण में शोध के योगदान पर बल देते हुए व्यापक बजट आवंटन की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक को सरकार के साथ सहमति और समन्वय बनाकर काम करना चाहिए।
सम्मेलन में अहमदाबाद स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान के निदेशक एरॉल डिसूजा ने कहा कि राजकोषीय और मौद्रिक नीति का समन्वय वृहद आर्थिक प्रबंधन की अनिवार्य आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि किसी देश के लोक ऋण के उसकी राजकोषीय सीमा तक पहुंच जाने के बाद इस बात की उम्मीद होती है कि वह उसकी ऋणवृद्धि कम कर देगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राजकोषीय और मौद्रिक नीति राज्य की दो भुजाएं हैं और उनमें समन्वय जरूरी है।
आर्थिक नीति एवं लोक वित्त केंद्र के निदेशक डॉ़ शैवाल गुप्ता ने पिछले 10 वर्षो के दौरान आर्थिक नीति एवं लोक वित्त केंद्र के क्रमिक विकास का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि आज की वैश्वीकृत दुनिया में लोक वित्त के सामने बहुमुखी चुनौतियां हैं। बिहार जैसे राज्य में ये चुनौतियां और भी जटिल और गहरे असर करने वाली हो जाती हैं। उन्होंने विकास संबंधी योजना निर्माण में राज्य की शीर्ष भूमिका पर बल दिया।