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परंपरागत उद्यमियों के लिए विश्वविद्यालय खोलेंगे : योगी

लखनऊ, 6 दिसंबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार परंपरागत उद्यमियों को आगे बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय खोलने जा रही है, जिसमें करोबार चलाने वाले उद्यमी नई तकनीकों के बारे में ढंग से अध्ययन कर सके। मुख्यमंत्री गुरुवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित खादी महोत्सव के शुभारंभ के अवसर बोल रहे थे। उन्होंने कहा, “इस विश्वविद्यालय में अलग-अलग परंपरागत उद्योगों के लिए सर्टिफिकेट कोर्स चलाए जाएंगे, जो 6 महीने से लेकर एक साल तक के होंगे।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि गांधीजी का प्रिय विषय स्वच्छता और खादी था। केंद्र और राज्य सरकार दोनों गांधीजी के इस सपने को साकार कर रही हैं। खादी को बढ़ावा देने के लिए सोलर चरखे बांटे जा रहे हैं। साथ ही और कई सुविधाएं दी जा रही हैं।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि प्रदेश में बंद पड़े कंबल कारखानों को सरकार दोबारा शुरू करेगी। साथ ही इन्हें तकनीक से भी जोड़ा जाएगा।

योगी ने कहा कि परंपरागत उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार जल्द ही विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना लाएगी। इसके अलावा स्वच्छ भारत अभियान के तहत प्रदेश के 99 प्रतिशत से ज्यादा घरों में शौचालय का निर्माण हो चुका है। साथ ही पॉलीथिन पर भी रोक लगाई गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गौवंश संरक्षण करके अर्थव्यवस्था को बेहतर किया जा सकता है। जहां भी लोगों ने इच्छाशक्ति का परिचय दिया, वहां गौवंश संरक्षण बेहतर तरीके से हो रहा है।

उन्होंने कहा कि एक गाय 30 एकड़ खेती के लिए खाद उपलब्ध करा सकती है। हर साल भारत सरकार हर साल अरबों रुपये का फर्टिलाइजर डीजल और पेट्रोल आयात पर खर्च करती है। अगर गोबर गैस प्लांट लगाया जाए तो इस पर होने वाले अरबों के खर्च में बचत हो सकती है।

इस दौरान मौजूद केंद्रीय मंत्री (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) गिरिराज सिंह ने कहा कि गाय और हर घर की महिला को रोजगार देकर अर्थव्यवस्था की स्थिति को सुधारा जा सकता है। उन्होंने कहा कि गाय के गोबर, मूत्र का इस्तेमाल कर फर्टिलाइजर और दूसरी चीजों में करके अरबों के खर्च को बचाया जा सकता है। हर घर में सोलर चरखे अगर पहुंच जाएं तो महिलाओं की आमदनी हर महीने 20 हजार रुपये की हो जाएगी।

खादी मंत्री सत्यदेव पचौरी ने कहा कि लखनऊ में सरकार खादी प्लाजा खोलेगी, जिसमें सभी राज्यों की खादी बिकेगी।

 

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