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फोरसाइट ग्रुप इंटरनेशनल भारत में करेगी 50 करोड़ डॉलर का निवेश

नई दिल्ली, 6 दिसम्बर (आईएएनएस)| लंदन आधारित शिपिंग-टू-रीटेलिंग कंपनी फोरसाइट ग्रुप इंटरनेशनल ने भारत में आफशोर ड्रिलिंग, शिपिंग, पोर्ट एवं एलएनजी क्षेत्रों में 50 करोड़ डॉलर के निवेश की योजना बनाई है। कंपनी भारत में दीर्घकालिक विकास के परिप्रेक्ष्य के साथ कई क्षेत्रों में निवेश करेगी। कंपनी ने एक बयान में कहा कि पिछले तीन सालों में तीन नए साइबर आफशोर रिग्स के अधिग्रहण के लिए आफशोर ड्रिलिंग डिविजन में 60 करोड़ डॉलर का निवेश किया गया। इनमें से दो – विवेकानंद 1 और विवेकानंद 2 साल 2016 से ओएनजीसी में काम कर रहे हैं।

कंपनी ने कहा कि विवेकानंद 1 को 2017 में सर्वश्रेष्ठ रिग का पुरस्कार भी मिला है। तीसरे रिंग को अगले साल जनवरी में डिलीवर किया जाएगा, यह 2019 के मार्च से आबूधाबी नेशनल ऑयल कंपनी के साथ काम करेगा।

कंपनी ने कहा कि शिपिंग डिविजन के लिए विस्तार योजना को अंतिम रूप दे दिया गया है और 2018 में जिस वीएलसीसी का अधिग्रहण किया गया था, उसे बड़ी तेल कंपनियों के साथ सफलतापूर्वक चार्टर्ड किया जा चुका है।

कंपनी ने भारत में कच्चे तेल की मांग एवं आयात पर निर्भरता को देखते हुए 2019 में 5 और वीएलसीसी अधिग्रहीत करने का फैसला लिया है। सरकार की सागरमाला परियोजना के अनुरूप ग्रुप ने शिपिंग के अलावा देश के 7500 किलोमीटर के तट पर तटीय शिपिंग के लिए देश में एलएनजी और बंदरगाहों के विकास हेतु 25 करोड़ डॉलर के निवेश का फैसला लिया है। इससे देश की सड़कों पर दबाव एवं यातायात कम होगा तथा कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी।

बयान में कहा गया कि समूह ने मुंबई स्थित अपने भारतीय मुख्यालय को सशक्त बनाया है। एलएनजी और पोर्ट का नेतृत्व करने वाली टीम हीतेन्द्र सोलंकी की निगरानी में काम करेगी जो एलएनजी और पोर्ट्स के लिए भारत के प्रमुख हैं।

फोरसाईट ग्रुप इंटरनेशनल के संस्थापक और कार्यकारी अध्यक्ष रवि के मेहरोत्रा ने कहा, “एक भारतीय होने के नाते अपने देश के विकास में निवेश से अच्छी कोई और भावना नहीं हो सकती। आजादी से पहले से ही हमारे देश में एलएनजी एवं बंदरगाह क्षेत्रों में अपार संभावनाएं रहीं हैं। इससे पहले हमने साइबर रिग्स में लगभग 35 करोड़ डॉलर का निवेश किया था, जो ओएनजीसी के साथ काम कर रहा है। इसी तरह पेवर्स इंग्लैण्ड ब्रांडेड रीटेल (पेवर्स लिमिटेड यूके के साथ समूह का संयुक्त उद्यम) में 3 करोड़ डॉलर का निवेश किया था। इस निवेश के बाद भारत हमारे विश्वस्तरीय संचालन में 44 फीसदी तक का योगदान देगा और 2025 तक हमें 55 फीसदी वृद्धि की उम्मीद है।”

उन्होंने कहा, “हमारे अनुमान के मुताबिक 2084 तक कंपनी 50 अरब डॉलर की अन्तर्राष्ट्रीय कंपनी बन जाएगी।”

 

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