राम मंदिर को लेकर लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ाने की तैयारी में VHP
लोकसभा चुनाव जैसे जैसे करीब आ रहा है राम मंदिर का मुद्दा और भी ज़्यादा गर्माता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई को अगले वर्ष जनवरी माह तक के लिए टाल दिया है। लेकिन इस फैसले के बाद से ही हिंदू संगठन, केंद्र सरकार से राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने के लिए अड़े हुए हैं।
नौ दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में होने वाली विश्व हिंदू परिषद की रैली में वीएचपी के नेता केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट पर जमकर हमला बोलने वाले हैं।
स्वामी राम भद्राचार्य ने दावा किया है कि उन्हें एक बड़े मंत्री ने यह सूचना दी है कि 11 दिसंबर के बाद सरकार इस मुद्दे का हल निकाल लेगी। वहीं वीएचपी ने राम मंदिर के लिए अपने अभियान को तेज कर दिया है और मंदिर निर्माण के उद्देश्य के लिए वो कुल मिलाकर 150 रैलियां करेगी।
वीएचपी ने यह कहा है कि अगर यह मुद्दा शीतकालीन सत्र में नहीं सुलझता है, तो यह मुद्दा 31 जनवरी 2019 और 1 फरवरी 2019 को प्रयागराज में होने वाली धर्म संसद में जाएगा। वहीं अखिल भारतीय संत समिति का कहना है कि हम जजों की राजनीति में नहीं जाना चाहते हैं और ना ही कोर्ट की अवमानना करना चाहते हैं।