उत्तराखंडी लोकभाषाओं और हिमालय के संरक्षण पर ध्यान रही सरकार : CM
उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने शुक्रवार ( 30 नवंबर ) को दून विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में उपाधियां और पदक प्रदान किए।
राज्यपाल जो कि दून विश्वविद्यालय की कुलाधिपति भी है, ने सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. मुरली मनोहर जोशी और प्रसिद्ध लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी को क्रमशः डॉक्टर ऑफ साइंस और डॉक्टर ऑफ लिट्रेचर की मानद उपाधि से विभूषित किया। दून विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में वर्ष 2011 से 2016 तक उत्तीर्ण विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गई। इनमें 617 पोस्ट ग्रेजुएट, 380 स्नातक उपाधि तथा 5 पी.एच.डी उपाधिधारक सम्मिलित हैं। राज्यपाल ने प्रथम प्रयास में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले 44 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक प्रदान किया।
कार्यक्रम में राज्यपाल मौर्य ने कहा,” समाज की आवश्यकता के अनुरूप शोध कार्यों को प्रोत्साहन देना और समग्र विकास के लिए नीति निर्माण में सहायता देना विश्वविद्यालयों की बड़ी जिम्मेदारी है। विश्वविद्यालय मात्र डिग्री देने वाले संस्थान नहीं हैं। विश्वविद्यालयों की समाज एवं राष्ट्र के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। विशेष रूप से उत्तराखण्ड जैसे क्षमतावान परन्तु युवा राज्य के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों को कई महत्वपूर्ण कार्य करने हैं।”
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विश्वविद्यालय के कई विकास कार्यों के लिए रुपए 5 करोड़ का अनुदान देने की घोषणा की। उन्होंने शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय अथवा शिक्षण संस्थान में अच्छे शिक्षक हों तो संसाधनों की कमी भी दूर हो जाती है। डाॅ. मुरली मनोहर जोशी तथा नरेंद्र सिंह नेगी को मानक उपाधि प्रदान करने में विश्वविद्यालय का गौरव बढ़ा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार लोकभाषाओं और हिमालय के संरक्षण संवर्द्धन के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आने वाले समय में दून विश्वविद्यालय देश के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में शामिल होगा। कोई भी शैक्षणिक संस्थान या विश्वविद्यालय सबसे अधिक अपने मुखिया व शिक्षकों पर निर्भर करता है। शैक्षणिक संस्थाओं में भौतिक संसाधनों की कमी को अच्छे शिक्षक पूरी कर सकते है परन्तु अच्छे शिक्षकों की कमी को कोई दूर नहीं कर सकता है।