IANS

देश में बिकने वाले स्मार्टफोन्स की परिचालन भिन्नता दर 30 फीसदी

 नई दिल्ली, 28 नवंबर (आईएएनएस)| देश में स्मार्टफोन ग्राहक अनुभव में भिन्नता वैश्विक पैमाने से काफी अधिक पाई गई है, क्योंकि यहां सबसे ज्यादा बिकने वाले स्मार्टफोन्स की परिचालन भिन्नता औसतन 30 फीसदी पाई गई है।

  वहीं, वैश्विक पैमाने पर स्मार्टफोन के परिचालन में महज 10 फीसदी तक की भिन्नता पाई जाती है। बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम (बीआईएफ) ने एक प्रमुख स्वतंत्र दूरसंचार लेखा और विश्लेषण कंपनी फिमेट्रिक्स के साथ मिलकर अपनी तरह का पहला अध्ययन किया है, जिसमें भारत के विभिन्न बाजारों में प्रीमियम, मध्यम और किफायती तीनों खंडों में सबसे ज्यादा बिकनेवाले स्मार्टफोन्स की परिचालन भिन्नता का परीक्षण किया गया।

इस अध्ययन में पाया गया कि देश में बिकनेवाले प्रमुख कंपनियों के स्मार्टफोन्स की परिचालन भिन्नता दर 27 फीसदी है, जिनमें केवल प्रीमियम स्मार्टफोन्स में ही भिन्नता दर 15 फीसदी पाई गई। वहीं, वैश्विक औसत 10 फीसदी का है। अनुमान लगाया है कि अधिक परिचालन भिन्नता दर के कारण साल 2020 तक देश की अर्थव्यवस्था को 30 अरब डॉलर और 25,000 कार्यवर्ष का नुकसान होगा।

रिपोर्ट में बताया गया कि डेटा में भिन्नता दर 27 फीसदी कम/ज्यादा हैं, जबकि वॉयस में भिन्नता दर 0.5 फीसदी कम/ज्यादा है। इस अध्ययन में शीर्ष वैश्विक डिवाइस निर्माताओं के स्मार्टफोन्स शामिल किए गए, जिसमें एप्पल, सैमसंग, हुआवेई, वनप्लस, श्याओमी, वीवो, ओप्पो, एलजी और पैनासोनिक शामिल हैं। इन कंपनियों के किफायती दाम वाले स्मार्टफोन्स में परिचालन भिन्नता की दर सबसे अधिक है, जोकि करीब 30 फीसदी कम/ज्यादा रही।

फिमेट्रिक्स टेक्नॉलजीज प्रा. लि. के संस्थापक और अध्यक्ष कार्तिक रजा ने कहा, “भारतीय स्मार्टफोन बाजार में ग्राहक अनुभव को लेकर किया गया यह पहला अध्ययन आंखें खोलनेवाला है। ज्यादातर ग्राहक औसत रेटिंग के आधार पर फोन खरीदते हैं, जबकि उन्हें पता नहीं होता कि एक ही मॉडल के दो अलग-अलग फोन की परिचालन क्षमता में 30 फीसदी तक का अंतर हो सकता है। इसलिए ग्राहकों के लिए एक सरल स्टार रेटिंग प्रणाली शुरू करने की जरूरत है।”

ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम के अध्यक्ष टी. वी. रामचंद्रन ने कहा, “हम अगली पीढ़ी के 5जी नेटवर्क की तरफ बढ़ रहे हैं। ऐसे में इस रिपोर्ट को सही समय पर जारी किया गया है। यह एक ऐसा पहलू है जिस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा था, लेकिन यह मोबाइल की स्वीकार्यता का एक महत्वपूर्ण निर्धारक है।”

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