करतारपुर गलियारा : समारोह के लिए पाकिस्तान गए भारतीय मंत्री
अटारी(पंजाब), 28 नवंबर (आईएएनएस)| केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर और हरदीप पुरी बुधवार को अटारी-वाघा संयुक्त चेक पोस्ट के जरिए करतारपुर गलियारा समारोह के लिए पाकिस्तान गए और इसे एक ‘ऐतिहासिक कदम’ बताया।
दोनों मंत्री भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे जब पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान बाद में करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के पास करतारपुर गलियारे परियोजना का उद्घाटन करेंगे, जहां सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष बिताए थे।
खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने अमृतसर से करीब 30 किलोमीटर दूर मीडिया को बताया “मैं वहां एक ऐसे स्थान पर पहले गुरु की प्रार्थना करने जा रही हूं, जहां उन्होंने अपने जीवन के अंतिम दिन बिताए थे।”
भावुक दिख रहीं हरसिमरत ने कहा, “मुझे किसी के द्वारा आमंत्रित नहीं किया गया है लेकिन मैं वहां एक सिख के रूप में जा रही हूं।”
केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा, “यह एक ऐतिहासिक अवसर है। करतारपुर गलियारे के लिए सिख समुदाय लंबे समय से मांग करता आया है। वहां प्रार्थना करने जाने का मौका मिलने पर खुशकिस्मत महसूस कर रहा हूं।”
उन्होंने कहा, “गुरु नानक देव की 550 वीं जयंती के संबंध में पिछले हफ्ते भारत सरकार द्वारा घोषित कई कार्यक्रमों में से यह एक महत्वपूर्ण कदम है।”
पुरी ने कहा कि वहां जाने को लेकर वह गर्व महसूस कर रहे हैं और कहा कि गलियारे को काफी पहले ही खोल देना चाहिए था।
हालांकि, पुरी ने कहा कि दोनों देशों के बीच के संबंधों में गलियारा एक महत्वपूर्ण कदम है, उन्होंने कहा कि वह संबंधों के विकास पर फिलहाल इतनी जल्दी कुछ नहीं कह सकते।
गलियारे से भारत के तीर्थयात्री, विशेष रूप से सिख समुदाय के लोगों को गुरुद्वारा पहुंचने में सहूलियत रहेगी।
इससे पहले, सोमवार को उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पंजाब के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक शहर से सड़क की नींव रखी थी, जो करतारपुर गलियारे को जोड़ती है।
अमृतसर के सांसद गुरुजीत सिंह औजला समारोह के लिए मंगलवार को अटारी से पाकिस्तान गए। वह अपने साथ स्वर्ण मंदिर के सरोवर का पवित्र जल भी ले गए।
समारोह का हिस्सा बनने के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के अध्यक्ष गोबिंद सिंह लैंगोवाल भी पाकिस्तान में हैं।
पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने मंगलवार को कहा कि करतारपुर गलियारे में दोनों देशों के बीच दुश्मनी को खत्म करने और उपमहाद्वीप में शांति लाने की क्षमता है। सिद्धू भी समारोह का हिस्सा बनने के लिए पाकिस्तान गए हैं।
सिद्धू ने गलियारे के निर्माण को वास्तविकता बनाने के लिए अपने दोस्त व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की भरपूर तारीफ की।
क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू ने पाकिस्तान में वाघा में मीडिया से कहा, “करतारपुर गलियारा शांति का मार्ग साबित होगा। यह दोनों देशों के बीच दुश्मनी मिटा देगा।”
वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरदिर सिंह ने समारोह में शामिल होने के लिए पाकिस्तान सरकार की ओर से मिले निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना भारतीय सैनिकों को मार रही है और आतंकवादी तत्वों की मदद से जम्मू एवं कश्मीर और पंजाब में अशांति फैला रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने सिद्धू से भी अपने फैसले पर फिर से विचार करने के लिए कहा था।
अगस्त 1947 में भारत के विभाजन के बाद पाकिस्तानी क्षेत्र में पड़ने वाले गुरुद्वारे का सिख धर्म और इतिहास में काफी महत्वपूर्ण स्थान है।