26/11 : कसाब के वकील आखिर क्यों हैं परेशान, सरकार ने पूरा नहीं किया बड़ा वादा
मुंबई में हुए 26/11 हमले को दस साल हो गए हैं। इस दर्दनाक हादसे से पूरे देश सहम गया था, जब आतंकियों ने कई लोगों को गोलियों से भूनकर मौत के घाट उतार दिया था। हमले के बाद पूरे देश के लोगों में आक्रोश देखने को मिला था और कसाब को फांसी देने की मांग कर रहे थे। बता दें उस वक्त कोई वकील कसाब की पैरवी करने को तैयार नहीं हुआ लेकिन कोर्ट के आदेशानुसार दो वकीलों को कसाब की पैरवी सौंपी गई।
इस मामले में कोर्ट ने सुनवाई के बाद कसाब को फांसी की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उसे फांसी दे दी गई थी। घटना के बाद से आजतक उन दोनों वकीलों को पैरवी की फीस नहीं मिली है। बता दें कि कोर्ट ने अमीन सोलर और फरहान शाह को कसाब का वकील नियुक्त किया गया था। उन दिनों बॉम्बे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस जेएन पटेल थे।
सोलकर ने कहा कि हम सिर्फ उसी की मांग कर रहे हैं जो कानूनी रूप से हमे मिलना चाहिए, कानून कहता है कि हर आरोपी को अपना पक्ष रखने का अधिकार है, और उसकी पैरवी होनी चाहिए, इसी वजह से हमे कसाब का बचाव करने के लिए नियुक्त किया गया था। ऐसे में हमारी फीस को दिए जाने में क्यों देरी की जा रही है। हालांकि, कितनी फीस दी जानी है इसकी स्पष्ट जानकारी नहीं है, लेकिन सूत्रों की माने तो यह फीस तकरीबन 1500-2000 रुपए प्रति दिन है।