कांग्रेस ‘हिंदुओं को तोड़ो’ की रणनीति पर चल रही : भाजपा
भोपाल, 23 नवंबर (आईएएनएस)| भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा और राज्यसभा सांसद जी़ वी़ एल़ नरसिम्हा राव ने यहां शुक्रवार को कांग्रेस पर ‘मुस्लिमों को जोड़ो और हिदुओं को तोड़ो’ की रणनीति पर काम करने का आरोप लगाया। भाजपा के दोनों नेताओं ने संयुक्त प्रेसवार्ता बुलाकर कहा, “मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी से विपक्षी कांग्रेस अपनी सुनिश्चित हार की आशंका से बौखला गई है। विपक्षी पार्टी अपनी बंद कमरे की रणनीति पर अमल करते हुए ‘मुस्लिमों को जोड़ो और हिदुओं को तोड़ो’ की रणनीति पर चल रही है। इसी उद्देश्य से कांग्रेस नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं अन्य नेताओं की जाति के बारे में टिप्पणी कर रहे हैं।”
यह बात दीगर है कि ‘प्रधानमंत्री ओबीसी हैं’, यह बात सबसे पहले पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान कही थी। ओबीसी मतदाता फिर भी नहीं रीझे थे।
नेताद्वय ने कहा कि जातिसूचक टिप्पणियां करके कांग्रेस हिदुओं का अपमान कर रही है, जिसे प्रदेश की जनता सहन नहीं करेगी।
पात्रा ने कहा कि कांग्रेस नेता सी़ पी. जोशी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री उमा भारती की जाति के बारे में जो बयान दिया है, वह कांग्रेस की जातिवादी राजनीति का परिचायक है। जोशी का बयान हिदुओं का अपमान करने वाला है।
पात्रा ने कहा, “कांग्रेस के नेता नवजोत सिह सिद्धू, कमलनाथ, राज बब्बर और मणिशंकर अय्यर लगातार प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करते रहे हैं, अब इसमें एक नया नाम सी़ पी. जोशी का नाम भी जुड़ गया है।”
पात्रा ने कहा कि हिदुओं को बांटने की कांग्रेस की यह रणनीति नई नहीं है, बल्कि कांग्रेस हर चुनाव में ऐसा ही करती रही है। गुजरात चुनाव के समय कांग्रेस ने हिदुओं को दलितों और सवर्णो के रूप में तोड़ने का प्रयास किया था। कर्नाटक चुनाव के दौरान कांग्रेस ने लिगायत समाज को हिदुओं से अलग बताने और अलग करने की नाकाम कोशिश की थी।
राज्यसभा सांसद नरसिम्हा राव ने कहा कि यूपीए सरकार के समय कमलनाथ पहले वाणिज्य एवं उद्योग तथा बाद में सड़क परिवहन मंत्री रहे थे। दोनों ही कार्यकाल में कमलनाथ ने जमकर भ्रष्टाचार किया और उनके भ्रष्टाचार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का संरक्षण मिलता था, जो कमलनाथ को हर बार बचाते रहे।
राव ने कहा कि वर्ष 2009 में तत्कालीन वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने संसद में यह स्वीकार किया था कि चावल निर्यात में घोटाला हुआ है और इसमें जमकर कमीशनबाजी हुई है। लेकिन जब इस मामले की सीबीआई जांच की बात उठी, तो राहुल गांधी के इशारे पर कांग्रेस सरकार ने इसके लिए मना कर दिया। वहीं, नीरा राडिया टेप से भी कमलनाथ की कमीशनखोरी उजागर होती है, जिसमें उन्हें ‘मिस्टर 15 परसेंट’ कहकर संबोधित किया गया है।