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हिमाचल : मुख्यमंत्री रेणुका मेले पहुंचे, पूजा-अर्चना की

 नहान, 18 नवंबर (आईएएनएस)| हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने रविवार को सिरमौर जिले में आयोजित छह दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय रेणुका महोत्सव में भाग लिया।

  ऐसी मान्यता है कि अगर कोई मुख्यमंत्री इस मेले में शामिल नहीं होता है तो उसे अपने पद से हाथ धोना पड़ता है। उन्होंने प्रमुख देवता भगवान परशुराम की पूजा अर्चना की और शोभायात्रा में भी भाग लिया। उन्होंने देवता की पालकी को भी उठाया और रेणुका माता के मंदिर में पूजा की।

दशकों पुराना वार्षिक रेणुका मेला ऐतिहासिक होने के अलावा धार्मिक महत्व भी रखता है। यह भगवान परशुराम के वर्ष में एक बार अपनी मां रेणुका के साथ दशमी की पूर्व संध्या पर पुनर्मिलन को चिन्हित करता है और जिले के लोग प्रबोधिनी एकादशी पर धार्मिक रेणुका झील में पवित्र स्नान करते हैं।

परंपरा के अनुसार, भगवान परशुराम की पालकी को जमु कोटी गांव के प्राचीन मंदिर से रेणुका लाया जाता है और यहां रेणुका झील में डुबकी लगाने के साथ अन्य परंपराओं को पूरा किया जाता है।

ऐसी मान्यता है कि अगर कोई मुख्यमंत्री या राज्यपाल इस मेले में शामिल नहीं होता है तो उसे अगले मेले तक अपने पद से हाथ धोना पड़ता है।

मंदिर के पुजारियों का कहना है कि उनके पास ऐसे मुख्यमंत्रियों और राज्यपालों की पूरी सूची है जिन्होंने मेले में भाग नहीं लिया और एक माह के भीतर उन्हें अपना पद छोड़ना पड़ा था।

वर्ष 2009 में मेले के समापन समारोह में तत्कालीन राज्यपाल प्रभु राव शामिल नहीं हुए थे जिसके कुछ महीनों में ही उनका राजस्थान तबादला कर दिया गया।

इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह ने भी नवंबर 2007 में कुछ व्यस्तताओं के कारण इस मेले में भाग नहीं लिया था। इसके एक माह के अंदर उनकी पार्टी सत्ता से बाहर हो गई थी।

सप्ताह भर चलने वाला रेणुका मेला 23 नवंबर को पवित्र स्नान के साथ समाप्त हो जाएगा।

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