मप्र भाजपा का आधी आबादी से संकल्प, मगर मंच पर एक भी महिला नहीं
भोपाल, 18 नवंबर (आईएएनएस)| भारतीय जनता पार्टी (आईएएनएस) के मध्य प्रदेश मुख्यालय में शनिवार को अजब नजारा देखने को मिला। पार्टी के बड़े-बड़े दिग्गज आधी आबादी के उत्थान, उनके कल्याण से लेकर राजनीतिक हिस्सेदारी की बातें किए जा रहे थे और उन्होंने ‘नारी शक्ति संकल्प पत्र’ भी जारी किया। मगर मंच पर एक भी महिला नेता या पदाधिकारी नहीं थी। लिहाजा भाजपा के इस संकल्प पर ही कई सवाल उठ रहे हैं।
भाजपा ने शनिवार को यहां के दीनदयाल परिसर स्थित भव्य सभागार में ‘दृष्टि-पत्र’ और महिला कल्याण व योजनाओं के लिए एक अलग से ‘नारी शक्ति संकल्प पत्र’ जारी किया। ‘नारी शक्ति संकल्प पत्र’ में वादा किया गया है कि महिलाओं को रोजगार से जोड़ने स्वयं सहायता समूहों के लिए एक फंड की स्थापना होगी, 12वीं में 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाने पर छात्राओं को स्कूटी दी जाएगी, महिला कौशल परामर्श केंद्र की स्थापना होगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महिला सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्घ होने का दावा किया और कहा, “प्रदेश की भाजपा सरकार ने आधी आबादी के लिए अनेक योजनाएं बनाई हैं, रोजागर के बेहतर अवसर के साथ उनकी राजनीतिक और सामाजिक नेतृत्व की क्षमता का पूरा उपयोग करने के लिए पंचायत व नगर निकायों में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है।”
चौहान जब महिला सशक्तिकरण के लिए किए गए काम का बखान कर रहे थे और आगामी कार्ययोजना पेश कर रहे थे, उस समय मंच पर केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, थावर चंद्र गहलोत, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह, उपाध्यक्ष प्रभात झा, डॉ. विनय सहस्त्रबुद्घे, प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा, महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, ‘दृष्टि-पत्र’ बनाने वाली समिति के प्रमुख विक्रम वर्मा सहित अन्य लोग मौजूद थे। मंच पर एक भी महिला पदाधिकारी नजर नहीं आई।
भाजपा ने एक तरफ जहां महिलाओं के हितों की बात की है, वहीं ग्वालियर की पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता ने महिलाओं की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए पार्टी से न केवल बगावत की है, बल्कि उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़कर पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इतना ही नहीं कटनी जिले से जिला पंचायत सदस्य और भाजपा नेता विद्या पटेल ने गंभीर आरोप लगाते हुए पार्टी छोड़ दी है। उन्होंने महिलाओं का अपमान करने का आरोप लगाया है।
भाजपा की राज्य इकाई के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पारासर से जब महिलाओं की मंच से अनुपस्थिति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने बस इतना कहा कि “ऐसा क्यों हुआ, मुझे इस बारे में जानकारी नहीं।”