IANS

महिला मुक्केबाजी : विजयी पदार्पण चाहेंगी मनीषा, सरिता वापसी को लेकर उल्लासित

 नई दिल्ली, 15 नवंबर (आईएएनएस)| इसी साल सितम्बर में पोलैंड में आयोजित सिलेसियन चैम्पियनशिप के 54 किलोग्राम भारवर्ग के सेमीफाइनल में पूर्व यूरोपीयन चैम्पियन विक्टोरिया कुलेशोवा को हराने के बाद रजत पदक जीतने वाली हरियाणा की 21 साल की मुक्केबाज मनीषा मौन आईबा महिला विश्व चैम्पियनशिप में पदार्पण को लेकर काफी रोमांचित हैं।

 मनीषा को अपनी कटेगरी के प्रीलीम्नीयरी राउंड में अमेरिका की 36 साल की मुक्केबाज क्रिस्टीना क्रूज से भिड़ना है। मनीषा ने अपने करियर के इस सबसे अहम मुकाबलों में से एक से पहले कहा कि वह पूरी तरह तैयार हैं। मनीषा ने कहा, “पोलैंड में मुझे जो अनुभव हासिल हुआ, वह काफी काम आया है। मैंने काफी अच्छी तैयारी की है और अपने घरेलू दर्शकों की हौसलाअफजाई के बीच मैं अच्छा करने को लेकर आश्वस्त हूं।”

मनीषा ने हालांकि स्वीकार किया कि विश्व चैम्पियनशिप एक बिल्कुल अलग प्लेटफार्म है और इसी कारण यहां होने वाले मुकाबलों को लेकर उन्होंने अपने विपक्षी मुक्केबाजों के बारे में साथियों और खासकर दिग्गज मुक्केबाज एमसी मैरीकोम और सरिता देवी से जानकारी जुटाई है। इन दो दिग्गजों ने उन्हें मुश्किल हालात में खुद को सम्भालने की कला सिखाई है।

मनीषा के सामने पहले मुकाबले में खड़ी होने वाली न्यूयार्क की क्रूज काफी अनुभवी और तेज मुक्केबाज हैं। उनके नाम कई अंतर्राष्ट्रीय खिताब हैं और वह वह कांटिनेंटल चैम्पियन भी रह चुकी हैं। इसके अलावा वह 2012 तथा 2016 की विश्व चैम्पियनशिप में दो बार कांस्य पदक जीत चुकी हैं।

मनीषा भी हालांकि अच्छी मुक्केबाज हैं और उनका डिफेंस काफी अच्छा है। वह आशा करती हैं कि अपनी सीनियर मुक्केबाजों से हासिल टिप्स के दम पर वह अमेरिकी प्रतिद्वंद्वी को हराने में सफल होंगी। हालांकि क्रूज अपने भारतीय प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ अनुभव का फायदा उठाना चाहेंगी।

दिग्गज सरिता देवी ने 2001 में पहली बार विश्व चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया था। वह 12 साल बाद इस अहम प्रतियोगिता में वापसी करके खुश हैं। नई दिल्ली में 2006 में पहली बार आयोजित प्रतियोगिता के संस्करण में अंतिम बार सरिता ने हिस्सा लिया था और स्वर्ण पदक जीता था। इसक ेबाद 2008 में चीन में सरिता ने कांस्य जीता था।

36 साल की मणिपुर निवासी सरिता को लाइटवेट (60 किलोग्राम भारवर्ग) कैटेगरी के पहले दौर में स्विट्जरलैंड की डियाना सांड्रा ब्रगर से भिड़ना है और अपने इस मुकाबले को लेकर उतनी ही रोमांचित हैं, जितनी की वह विश्व चैम्पियनशिप के अपने पहले संस्करण के पहले मुकाबले को लेकर थीं।

डियाना ने अपने पहले राउंड के मुकाबले में इंडोनेशिया की हासानाह हुस्वातुन को 5-0 से हराया है और 2008 से विश्व चैम्पियनशिप में हिस्सा ले रही हैं लेकिन वह सरिता के अनुभव के आगे कहीं नहीं टिकतीं। सरिता को पोलैंड में आयोजित सिलेसियन महिला इवेंट और इंडिया ओपन में बेहतरीन प्रदर्शन के आधार पर भारतीय टीम में चुना गया है।

सरिता ने कहा, “मैं वापसी करते खुश हूं। मुझे सबसे अधिक खुशी इस बात की है कि मैं घर में 12 साल बाद फिर से लड़ूंगी। मैं अपने घरेलू दर्शकों की हौसलाअफजाई का जमकर फायदा उठाने का प्रयास करूंगी और अपने देश के लिए पदक जीतने का प्रयास करूंगी।”

चैम्पियनशिप के पहले दिन तीन कैटेगरी में प्रीलिम मुकाबले खेले गए। फ्लाई (51), फीदर (57) और लाइट वेट (60) में बड़े नामों ने जीत के साथ आगे का सफर तय किया। आस्ट्रेलिया की स्टार्डिसमैन अंजा और कोलम्बिया की कोर्डेरो हर्नादेज के बीच का मुकाबला काफी कठिन रहा और अंजा इसमें बड़ी मुश्किल से 3-2 से जीत हासिल कर सकीं।

राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली अंजा ने पहले राउंड में तीन जजों से 10-10 अंक हासिल किए लेकिन दूसरे राउंड में वह पांच जजों से दो अंक ही हासिल कर सकीं। तीसरे राउंड में अंजा ने हालांकि अच्छा खेल दिखाया और अपने पंचेज और स्ट्रेट हिट्स के साथ दूसरे दौर का टिकट कटाने में सफल रहीं। इस दौर में अंजा को चार जजों से पूरे अंक मिले।

Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close