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आवक में सुस्ती से रूई के भाव को मिल रहा सपोर्ट

नई दिल्ली, 15 नवंबर (आईएएनएस)| घरेलू हाजिर बाजार में आवक पिछले साल की तुलना में सुस्त रहने से रूई के भाव को सपोर्ट मिल रहा है। उत्तर भारत के प्रमुख कपास उत्पादक राज्य पंजाब और हरियाणा में गुरुवार को रूई के हाजिर भाव में तेजी दर्ज की गई, लेकिन देश के सबसे बड़े कपास उत्पादक राज्य गुजरात में रूई की कीमतों में स्थिरता बनी रही।

हालांकि वायदे में सकारात्मक विदेशी संकेतों के बीच एमसीएक्स पर शुरुआती कारोबार में उतार-चढ़ाव देखा गया।

कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया यानी सीएआई के प्रेसिडेंट अतुल गंतरा ने कहा कि पिछले साल 15 नवंबर तक 58 लाख गांठ रूई की आवक हो चुकी थी, लेकिन इस साल आवक सुस्त होने से महज 41 लाख गांठ की आवक हुई है।

उन्होंने कहा कि उत्तर भारत में कुछ दिन पहले रोजाना आवक 45,000 गांठ हो रही थी, जो घटकर 25,000 गांठ पर आ गई है, इसलिए कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है।

व्यापारिक सूत्रों के अनुसार, पंजाब में आरजी वेरायटी की रूई 4,560-4,600 रुपये प्रति मन यानी 37.32 किलो थी, जबकि हरियाणा में आरजी वेरायटी 4,600-4,650 रुपये प्रति मन थी।

सू़त्रों ने बताया कि पिछले सत्र के मुकाबले रूई के भाव में 10-15 रुपये की तेजी आई है। वहीं, गुजरात में बेंचमार्क रूई का हाजिर भाव 45,900-46,500 रुपये प्रति कैंडी यानी 356 किलो पर स्थिर था।

पूर्वाह्न् 11.20 बजे घरेलू वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर कॉटन यानी रूई के नवंबर वायदा अनुबंध में 10 रुपये की कमजोरी के साथ 22,400 रुपये प्रति गांठ यानी 170 किलो पर कारोबार चल रहा था। इससे पहले नवंबर अनुबंध में 22,380 रुपये से लेकर 22,450 रुपये प्रति गांठ के बीच कारोबार हुआ।

विदेशी वायदा बाजार इंटरकॉन्टिनेंटल एक्सचेंज यानी आइसीई पर मार्च डिलीवरी वायदा अनुबंध में 0.14 फीसदी की बढ़त के साथ 78.45 सेंट प्रति पौंड पर कारोबार चल रहा था।

आईसीई पर मार्च डिलीवरी सौदा पिछले सत्र में 0.69 सेंट यानी 0.89 फीसदी की तेजी के साथ 78.35 सेंट प्रति पौंड पर बंद हुआ।

अतुल गंतरा ने बताया कि इस समय पूरे देश में आवक करीब 1.25 गांठ हो रही है, जबकि पिछले साल काफी ज्यादा थी। उन्होंने कहा कि किसान अपनी फसल को रोककर रखे हुए हैं या फसल का उत्पादन कम है, इसका अभी पता नहीं चल रहा है।

उन्होंने बताया कि घरेलू मिलों की खपत रोजाना एक लाख गांठ है और रोजाना निर्यात करीब 25 हजार गांठ हो रहा है।

उन्होंने बताया कि एक अक्टूबर से आरंभ हुए नए सीजन में अब तक सात लाख गांठ का निर्यात हो चुका है, जिसमें अक्टूबर में तीन लाख और नवंबर में अब तक चार लाख गांठ रूई का निर्यात हो चुका है।

कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अनुसार, चालू कपास सीजन 2018-18 अक्टूबर-सितंबर में रूई का उत्पादन 343 लाख गांठ होने का अनुमान है।

 

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