बिहार में उदीयमान सूर्य को अघ्र्य के साथ महापर्व छठ संपन्न
पटना, 14 नवंबर (आईएएनएस)| पटना सहित बिहार के अन्य सभी हिस्सों में उदीयमान सूर्य को दूसरा अघ्र्य देने के साथ ही चार दिनों का सूयरेपासना का महापर्व छठ बुधवार को संपन्न हो गया।
बुधवार सुबह लाखों लोग विशेषकर महिलाओं ने नदियों, जलाशयों में डुबकी लगाई और उगते सूर्य की प्रार्थना की।
छठ पर्व को देखते हुए राज्यभर में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए थे। एक-दो छिटपुट घटनाओं को छोड़ दिया जाए तो छठ त्योहार शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया।
इससे पहले मंगलवार की शाम को व्रतियों ने बिहार की राजधानी पटना में गंगा किनारे और राज्य के विभिन्न इलाकों में अन्य नदियों, तालाबों और विभिन्न पाकरें तथा सार्वजनिक स्थानों पर बनाए पानी के कुंड में खड़े होकर अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अघ्र्य दिया था।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के परिवार में भी महिलाओं ने छठ पर्व के अवसर पर व्रत रखा था। नीतीश ने अपने परिजनों के साथ मुख्यमंत्री आवास परिसर में बनाए गए पानी के कुंड में खडे होकर, व्रतियों को उदीयमान सूर्य को दूसरा अघ्र्य देने में सहयोग किया। इधर, छठ पर्व पर चहल-पहल रहने वाला पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी लालू प्रसाद आवास पर सन्नाटा पसरा रहा।
इस त्योहार पर सूर्य की अराधना की जाती है। सूर्य देव को फल, घर पर बनाए गए ठेकुआ, चावल के लड्डू (कचवनिया) सहित कई प्रसाद सामग्री चढ़ाई जाती है। सभी प्रसाद बांस की बनी टोकरी और सूप में चढ़ाए जाते हैं।
अधिकारियों के मुताबिक, पटना के अलावा राज्य के अन्य क्षेत्रों में भी भगवान सूर्य की अराधना के लिए मंगलवार की शाम और बुधवार सुबह लाखों श्रद्घालु गंगा सहित अन्य नदियों के तट पर जमा हुए। गया, भागलपुर, औरंगाबाद, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, पूर्णिया और अन्य जिलों में भी जलाशयों में भारी भीड़ देखी गई।
भगवान भास्कर की उपासना का महापर्व छठ रविवार को नहाय खाय के अनुष्ठान के साथ शुरू हुआ था। अगले दिन यानी सोमवार को व्रतियों ने निर्जला उपवास रखकर खरना के तहत दूध, अरवा चावल तथा गुड़ से बनी खीर एवं रोटी के प्रसाद का भोग लगाया।