इस वजह से रखा जाता है छठ पूजा का व्रत, सबसे पहले रखा था देवी….
कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्ठी पर मनाए जाने वाले पर्व को कार्तिकी छठ कहते हैं। इस पर्व पर देवी पष्टी की पूजा की जाती है। इस त्यौहार पर माता पष्ठी और भगवान सूर्य को खुश करने के लिए स्त्री और पुरुष दोनों ही व्रत रख सकते हैं।
छठ पूजा की वैसे तो बहुत सी कहानियां सुनने का मिलती है, लेकिन कहा जाता है कि इसकी शुरुवात माता सीता ने की थी। इसी को लेकर आज हम आपको बताने जा रहे हैं इससे जुड़ी प्रचलित कहानियों को।
आपको बता दें कि पौराणिक कथाओं के अनुसार जब भगवान राम 14 वर्ष वनवास के बाद अयोध्या लौटे तो रावण वध के पाप से मुक्त होने के लिए ऋषि-मुनियों के आदेश पर उन्होंने राजसूय यज्ञ किया था। उसके लिए उन्होंने सबसे पहले मुग्दल ऋषि को आमंत्रण दिया लेकिन मुग्दल ऋषि ने भगवान राम एवं सीता को अपने ही आश्रम में आने का आदेश दिया वहां नहीं गए।
उसके बाद ऋषि की आज्ञा पर भगवान राम एवं सीता मुग्दल ऋषि के आश्रम पहुंचे जहां ऋषि ने मां सीता को कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को सूर्यदेव की उपासना करने का आदेश दिया जो उन्होंने किया।