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शैक्षिक संस्थान श्रम बाजार के अनुरूप कार्यक्रम विकसित करें : आशा कंवर

 नई दिल्ली, 8 नवंबर (आईएएनएस)| कॉमनवेल्थ ऑफ लर्निग (सीओएल) की अध्यक्ष आशा कंवर का कहना है कि मुक्त विश्वविद्यालयों को रोजगारपरक शैक्षिक पाठ्यक्रम बनाने के साथ-साथ नियोक्ताओं से संपर्क बनाने की जरूरत है, क्योंकि इससे विश्वविद्यालयों को बाजार की मांग के अनुरूप शिक्षण पद्धति व पाठ्यक्रम बनाने में सुविधा होगी।

  उन्होंने कहा कि बाजार की मांग के अनुरूप अगर विद्यार्थियों को शिक्षण-प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा तो उनको रोजगार मिलना आसान हो जाएगा।

कंवर ने कहा कि इसलिए यह बेहद आवश्यक है कि शैक्षिक संस्थान और श्रम बाजार के बीच बेहतर तालमेल हो।

आशा कंवर ने पिछले महीने 26 अक्टूबर को वियतनाम में आयोजित एशियाई एसोसिएशन ऑफ ओपन यूनिवर्सिटीज (एएओयू) के 32वें वार्षिक सम्मेलन में ‘ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट एंड लाइफलॉन्ग लर्निग फॉर ओपन यूनिवर्सिटी’ विषय पर अपनी प्रस्तुति दी थी।

उन्होंने कहा कि मुक्त विश्वविद्यालयों को अपने शिक्षण-प्रशिक्षण के दायरे को बढ़ाकर उद्योग के साथ उसे जोड़ना चाहिए।

कंवर ने शिक्षार्थियों को रोजगार और उद्यमिता के मकसद से तैयार करने के लिए स्कूलों के पाठ्यचर्या में तीन तरह की साक्षरताओं में एकीकरण का सुझाव दिया, जिनमें मानव-साक्षरता, डाटा-साक्षरता और प्रौद्योगिकी साक्षरता शामिल हैं। उन्होंने कहा कि स्कूलों की पाठ्यचर्या में इन तीनों साक्षरताओं के विकास पर ध्यान देने की जरूरत है।

उन्होंने आगे कहा कि मानव साक्षरता से विद्यार्थियों में नैतिकता का विकास होगा जिससे वे प्रभावी संवाद के साथ सामाजिक भागीदारी निभाने में सक्षम होंगे। डाटा साक्षरता से छात्रों को मौजूदा दौर में सूचनाओं के संग्रहण और उसकी उपादेयता समझने में मदद मिलेगी।

वहीं, प्रौद्योगिकी साक्षरता से होने से सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर का उपयोग करके छात्र अपनी दक्षता और हुनर को तराशकर अपनी क्षमता को बढ़ाने में सक्षम होंगे।

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