विफलता छिपाने मंदिर मुद्दा उठा रही मोदी सरकार : माकपा
नई दिल्ली, 5 नवंबर (आईएएनएस)| मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(माकपा) ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस)-भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को गहरा करने और मोदी सरकार की ‘चहुमुंखी विफलता’ को छिपाने के लिए लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर का मुद्दा उठा रही है। माकपा ने भाजपा-आरएसएस के नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों द्वारा दिए गए ‘डरावने बयान’ पर चिंता व्यक्त की, जिसमें ‘1992 जैसी स्थिति’ पैदा करने को लेकर धमकाया जा रहा है।
पार्टी ने अपने बयान में इसे देश की एकता के लिए ‘गंभीर खतरा’ बताया है।
पार्टी के अनुसार, “भाजपा ने आधिकारिक रूप से कहा था कि वह सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करेगी। अयोध्या विवाद पर लोगों की आकांक्षाओं को उभार कर और मंदिर निर्माण की मांग को उठा कर भाजपा व आरएसएस का लक्ष्य देश में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को और गहराने का है, जिसके भयानक परिणाम होंगे।”
बयान के अनुसार, “सभी क्षेत्रों में विफलताओं से लोगों का ध्यान भटकाने के अलावा मोदी सरकार चुनाव लड़ने के लिए हिंदू सांप्रदायिक वोट बैंक को मजबूत करने का प्रयास कर रही है, जो देश की एकता और अखंडता के लिए बड़ा खतरा है।”