देशी चिप ‘शक्ति’ आउटडेटेड नहीं होगा : प्रमुख शोधार्थी
चेन्नई, 2 नवंबर (आईएएनएस)| देश के पहले देशी माइक्रोप्रोसेसर ‘शक्ति’ को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटीएम) ने महज 11 करोड़ रुपये के निवेश पर विकसित किया है और यह निकट भविष्य में आउटडेटेड नहीं होगा। मुख्य शोधार्थी प्रोफेसर कामकोटि वीजहिनाथन ने शुक्रवार को यह बातें कही।
आईआईटीएम के शोधकर्ताओं ने ‘शक्ति’ को विकसित किया है, जिसका प्रयोग मोबाइल कंप्यूटिंग, वायरलेस और नेटवर्क सिस्टम्स में किया जा सकता है, जिससे दूरसंचार और रक्षा क्षेत्रों में आयातित माइक्रोप्रोसेसर पर निर्भरता घटेगी।
आईआईटीएम के कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर वीजहिनाथन ने आईएएनएस को बताया, “यह माइक्रोप्रोसेसर आउटडेटेड नहीं होगा, क्योंकि फिलहाल यह दुनिया के गिने-चुने ‘आरआईएससी वी माइक्रोप्रोसेसर्स’ में से एक है।”
आईआईटीएम के रिकंफिगरेबल इंटेलीजेंट सिस्टम्स इंजीनियरिंग (आरआईएसई) लेबोरेटोरी के प्रमुख वीजहिनाथन ने कहा कि ‘शक्ति’ का दूसरे देशों में प्रयोग हो सकता है, क्योंकि यह अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों के अनुरूप है।
वीजहिनाथन के मुताबिक, इस चिप को बनाने का विचार 2011 में आया था और तभी से इस पर काम शुरू हुआ था।
साल 2017 में इस परियोजना ने रफ्तार पकड़ी, जब भारत सरकार ने इसे 11 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद दी।
वीजहिनाथन ने कहा, “हमने साबित किया कि भारत में भी माइक्रोप्रोसेसर का डिजायन, विकास और निर्माण हो सकता है। सुरक्षा के लिहाज से भी देशी चिप का निर्माण महत्वपूर्ण है।”