इंटरनेट से वंचित भारतीयों के लिए एक मंच पर आए आईएसओसी, डीईएफ
नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)| कम्युनीटी रेडियो और कम्युनीटी नेटवर्क्स की साझा ऊर्जा से जनहित की संभावना तलाशते दो संगठनों- इंटरनेट सोसायटी (आईएसओसी) और डिजिटल इम्पावरमेंट फाउंडेशन (डीईएफ) ने भारत, विशेष कर देश के गांव-देहात में इंटरनेट कनेक्टिवीटी के विस्तार एवं विकास के लिए कम्युनीटी नेटवर्क्स की अहमियत सामने रखी है। आईएसओसी एक वैश्विक गैर-आर्थिक लाभ संगठन है, जो इंटरनेट के स्वतंत्र विकास, नयापन और उपयोग को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है और डीईएफ एक गैर-आर्थिक लाभ संगठन है, जिसका मिशन तकनीक की सुलभता से सूचना का अभाव दूर करना है। इसके लिए नीतिगत सहायता चाहिए जैसे कि टीवी व्हाइट स्पेस की उपलब्धता और ग्राम परिषद स्तर पर इंटरनेट सेवादाता लाइसेंस का उदारीकरण ताकि गांव-देहात में जन-जन तक इंटरनेट सुविधा पहुंचे।
कम्युनीटी नेटवर्क्स संचार की बुनियादी व्यवस्था है, जिसका विकास, प्रबंधन एवं उपयोग स्थानीय समुदाय करते हैं। ये पूरी दुनिया में शहर, दूर-दराज और गांव-देहात के इंटरनेट सेवा से वंचित लोगों की इस कमी को दूर करने के लिए निरंतर सुलभ साधन देते हैं। भारत में यह कमी अधिक व्यापक स्तर पर है इसलिए डीईएफ ने 6 माह पूर्व पायलट प्रोग्राम ‘इंटरनेट इन ए बॉक्स’ शुरू किया।
शुरूआत हरियाणा के टैन और तमिलनाडु के असूर गांवों से की गई। दोनों गांवों (हब) में बुनियादी सुविधा केंद्र (प्राइमरी एक्सेस प्वाइंट) बनाए गए। प्रति हब 9 अन्य गांवों में एक्सेस नोड बने। प्रति हब कम से कम 200 लोगों तक यह सुविधा सीधे पहुंची। अगले 2 वर्षों में अप्रत्यक्ष रूप से 4,000 परिवारों तक यह सुविधा पहुंचने की संभावना है। डीईएफ ने अब तक 15 क्षेत्रों के 140 से अधिक लोकेशनों पर कम्युनीटी नेटवर्क बनाए हैं जैसे कि राजस्थान में बारन, मध्य प्रदेश में गुना, हरियाणा में नूंह, तमिलनाडु में असूर, उत्तर प्रदेश में बाराबंकी और असम में नगांव।
इसके अतिरिक्त डीईएफ एवं आईएसओसी ने कम्युनीटी नेटवर्क चैम्पियंस (सीएनसी) शुरू करने की घोषणा की। सीएसी पूरी दुनिया के कम्युनीटी नेटवर्क प्रदाताओं के लिए सर्टिफिकेट प्रोग्राम है, जिसका मकसद उन्हें कम्युनीटी नेटवर्क परिचालन एवं प्रबंधन का व्यावहारिक अनुभव देना है।
मध्य प्रदेश के गुना में 2-10 नवंबर, 2018 तक डीईएफ के वायरलेस ट्रेनिंग सेंटर में आयोजित सीएन चैम्पियनशिप प्रोग्राम के दौरान हैती, बहरीन, नाइजीरिया, क्रिगिस्तान, फिलीपीन्स, कीनिया और इंडोनेशिया के सात कम्युनीटी नेटवर्क को वायरलेस नेटवर्क और इसके परिचालन एवं प्रबंधन का गहन प्रशिक्षण दिया जाएगा और प्रोग्राम के अंत में सर्टिफिकेट प्रदान किए जाएंगे।
कम्युनीटी नेटवर्क्स की सफलता पर इंटरनेट सोसाइटी के क्षेत्रीय निदेशक (एशिया-प्रशांत-क्षेत्रीय ब्यूरो) राजेश सिंह ने कहा, “यह अनुमान है कि 2022 तक इंटरनेट सेवा सेक्टर 124 अरब डॉलर का कारोबार हो जाएगा। भारत के नीति निमार्ताओं और नियामकों के लिए यह जानना जरूरी है कि इस सेक्टर का विकास सरकार की सहायक नीतियों एवं बेहतर बुनियादी सुविधाओं पर निर्भर करता है। इंटरनेट सोसाइटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक (लिंक) कम्युनीटी नेटवर्क्स का खुद का स्पेक्ट्रम नहीं होना और स्पेक्ट्रम की सुविधा नहीं होना गंभीर मसला है। हालांकि नीति निर्माता एवं नियामक नए जरिये से स्पेक्ट्रम उपलब्ध करा कर अहम् भूमिका निभा सकते हैं। कम्युनीटी नेटवर्क्स जैसे सहायक प्रयासों से सरकार और देश के लिए डिजिटल इंडिया का सपना पूरा करना आसान होगा। इंटरनेट से वंचित लाखों लोग ऑनलाइन हो जाएंगे।”