अमृतसर रेल हादसा : जब रोज़ जल रही थी पांच-पांच चिताएं, पढ़िए हर दिल को खामोश करने वाली ये रिपोर्ट
अमृतसर रेल हादसे ने ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। रावण दहन देखने गए लोगों पर तेज़ रफ्तार ट्रेन के गुज़रने से 60 से ज़्यादा लोगों की मौत चंद पलों में हो गई। इस हादसे में सैकड़ो लोग घायल भी हो गए थे।
इस दर्दनाक हादसे ने स्थानीय लोगों को अंदर तक तोड़ दिया है। यही नहीं लोगों ने जिस तरह हादसे के बाद अधकटे शवों को देखा और उसके बाद उनका अंतिम संस्कार करवाया, वो सभी मंज़र आज भी जब उनके परिवार वालों को याद आते हैं, तो उनकी आँखें नम हो जाती हैं।
डीएमयू ट्रेन के नीचे आ जाने से मारे गए लोगों का अंतिम संस्कार करने के लिए श्मशान पर आने वाले लोगों का सिलसिला हादसे से हफ्ते भर चलता रहा। श्मशान भूमि प्रबंधन कर्मचारी धर्मेंद्र के मुताबिक 19 अक्टूबर 2018 से 21 अक्टूबर तक करीब 45 लोगों के संस्कार हुए। रविवार 21 अक्टूबर को 11 और शनिवार 20 अक्टूबर को 31 लोगों के संस्कार हुए थे। सोमवार 22 अक्टूबर को भी शिवपुरी में तीन लोगों के संस्कार किए गए। हादसे में हुई मौंतों में रोज़ाना औसतन पांच-पांच चिताएं जलाई गई।
हादसे में किसी ने अपना पति खोया, तो किसी ने अपनी माँ, किसी ने अपना भाई खोया, तो किसी को अपने बेटे के चले जाने का दुख शायद अब पूरे जीवन भर रहेगा।