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पिछले सीजन की कसर पूरी करेगी गुजरात फॉर्च्यूनजाएंट्स : कप्तान सुनील (साक्षात्कार)

पटना, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)| वीवो-प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) के अपने पदार्पण सीजन में ही फाइनल तक का सफर तय करने वाली गुजरात फॉर्च्यूनजाएंट्स टीम के कप्तान सुनील कुमार को उम्मीद है कि टीम पिछले सीजन की कमी को इस सीजन में पूरा करेगी।

गुजरात ने पीकेएल के पांचवें सीजन में पहली बार भाग लिया था, जहां वह सुकेश हेगड़े की कप्तानी में फाइनल तक पहुंचा था। हालांकि फाइनल में पटना पाइरेट्स के हाथों मिली हार के कारण वह खिताबी जीत से चूक गई।

लीग के छठे सीजन में सुकेश के तमिल थलाइवाज में शामिल होने से सुनील को गुजरात की कप्तानी सौंपी गई है। सुनील पांचवें सीजन में 57 टैकल प्वाइंट के साथ गुजरात के दूसरे सर्वश्रेष्ठ डिफेंडर थे।

सुनील ने लीग के पटना चरण के दौरान आईएएनएस के साथ एक साक्षात्कार में कहा, “इस सीजन के लिए हमारी तैयारी अच्छी है। पिछली बार हम खिताब से चूक गए थे, लेकिन इस बार हमारा पूरा ध्यान खिताब पर है और हमें विजेता बनना है। पिछली बार जो हमसे कसर रह गई थी, उसे इस बार पूरा करना है।”

गुजरात की टीम लीग के छठे सीजन में अब तक चार मैचों में दो जीत, एक हार और एक टाई के साथ 14 अंक लेकर जोन-ए में तीसरे नंबर पर है। सुनील ने इन चार मैचों से अब तक 10 अंक बटोरे हैं ।

उन्होंने कहा, “इस सीजन में टीम में युवा और अनुभवी खिलाड़ी शामिल हैं। कोच मनप्रीत सिंह खिलाड़ियों को अच्छी प्रशिक्षण करवा रहे हैं। वह तैयारी में कोई कसर नहीं छोड रहे हैं। जिस भी टीम के साथ हमारा मुकाबला होना होता है, उससे पहले ही वह हमें उस टीम के खिलाड़ियों के बारे में बताते हैं कि ये यहां ऐसे करेगा, वह वहां वैसे करेगा। हम उसी प्रकार अपना अभ्यास करते हैं।”

हरियाणा के सोनीपत जिले के निवासी सुनील ने 13 साल की उम्र से ही कबड्डी मैट पर ताल ठोकना शुरू कर दिया था। 22 वर्षीय डिफेंडर सुनील लीग में खेलने से पहले दो बार जूनियर नेशनल स्वर्ण विजेता और तीन बार आल इंडिया नेशनलिस्ट स्वर्ण विजेता टीम का हिस्सा रह चुके हैं।

पीकेएल की समाप्ति के बाद राष्ट्रीय टीम में स्थान हासिल करने की कोशिश के बारे में पूछे जाने पर सुनील ने कहा, “मैं रेलवे में नौकरी करता हूं और यहां से जाने के बाद अब वहां पर ट्रायल होंगे। वहां पर कैम्प लगेगा और कैम्प में अगर कोच को लगता है कि मैं खेलने लायक हूं तो वह मुझे वहां लेकर जाएंगे और वहां से हम राष्ट्रीय नेशनल टीम में खेलेंगे।”

लीग का छठा सीजन करीब तीन महीने तक चलने वाला है और सुनील मानते हैं कि इस दौरान खिलाड़ियों को अपनी फिटनेस पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है ।

उन्होंने कहा, “पीकेएल लीग से पहले गांधीनगर में हमारा तीन महीने का कैम्प लगा था। वहां पर हमारे कोच ने फिटनेस को लेकर बहुत सुझाव दिए थे। हमारा खुद का मानना है कि अगर हम फिट रहेंगे तभी खेल पाएंगे और अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे। इसलिए एक खिलाड़ी के लिए उसका फिटनेस ही सबसे बडा अस्त्र है।”

यह पूछे जाने पर कि बतौर कप्तान आपकी कितनी बड़ी जिम्मेदारी है? इस पर सुनील ने कहा, “प्रतिद्वंद्वी टीम के किस खिलाड़ी पर रेड करना है, यह बताना मेरी जिम्मेदारी है। सामने कौन खिलाड़ी है, कब रिव्यू लेना है? यह सब बताना मेरा काम है, क्योंकि कोच तो थोडा दूर होते हैं तो कप्तान को पता होता है कि रिव्यू लेना है या नहीं। कप्तान को अपने खिलाड़ियों को दूसरे टीम के खिलाड़ियों के बारे में भी जानकारी देनी होती है और मैं भी वहीं करता हूं।”

लीग में सबसे मजबूत और कमजोर टीम के बारे में पूछे जाने पर सुनील ने कहा, “लीग के छठे सीजन में कोई भी टीम कमजोर नहीं है । जिस दिन जो मैट पर अच्छा करता है वही जीतता है। पिछली बार पटना ने हमसे अच्छा प्रदर्शन किया था, इसलिए वह खिताब जीते लेकिन इस बार अन्य टीमें भी अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। हालांकि, इस बार ट्रॉफी घर ले जाने की हमारी पूरी कोशिश है।”

 

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