अब बॉलीवुड में बड़े किरदारों के दरवाजे खुल जाएंगे : गजराज
नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)| लगभग दो दशक तक सहायक कलाकार की भूमिका निभाने के बाद गजराज राव ने अपने करियर का सबसे अहम किरदार निभाया है।
गजराज को फिल्म ‘बधाई हो’ में वह किरदार निभाने का मौका मिला, जिससे उन्हें लगता है कि उनके लिए बॉलीवुड में अहम किरदारों के दरवाजे खुल जाएंगे।
गजराज ने 1994 में फिल्मकार शेखर कपूर की ‘बैंडिट क्वीन’ में निभाए एक छोटे से किरदार के साथ पदार्पण किया था। इसके बाद, उन्हें ‘आमिर’, ‘ब्लैक फ्राइडे’, ‘तलवार’ और ‘ब्लैकमेल’ फिल्मों में सहायक किरदार मिले थे।
इस प्रकार के किरदार निभाने के बारे में पूछे जाने पर गजराज ने आईएएनएस से कहा, “मुझे इसी प्रकार के किरदार मिले। मुझे ‘बधाई हो’ फिल्म जैसा बड़ा किरदार पहले नहीं मिला। अब आशा है कि मुझे बॉलीवुड में बड़े और अच्छे किरदार निभाने के लिए मिलेंगे।”
उन्होंने कहा कि ‘बधाई हो’ फिल्म से न केवल उनकी छवि बदली है, बल्कि अन्य फिल्मों की तुलना में अधिक पहचान मिली है। ऐसे में उनके लिए यह मानना मुश्किल हो रहा है कि उन्हें एक ऐसी फिल्म मिली है, जिसकी कहानी उनके किरदार के इर्द-गिर्द घूमती है।
गजराज ने कहा कि इस फिल्म का किरदार उनके लिए काफी महत्वपूर्ण है। यह उनके लिए सपने जैसा है।
‘बधाई हो’ में एक मध्यम वर्ग के परिवार की कहनी दर्शाई गई है, जिसमें अधेड़ उम्र के जितेंद्र कौशिक की जिंदगी में तब अजीब मोड़ आता है, जब उनकी पत्नी गर्भवती हो जाती है। इस फिल्म में उनकी पत्नी का किरदार नीना गुप्ता ने निभाया है।
अमित रवींद्रनाथ शर्मा द्वारा निर्देशित फिल्म में आयुष्मान खुराना और सान्या मल्होत्रा भी अहम किरदार निभाया है।
गजराज ने कहा, “पिछले दो से तीन वर्षो में यह किरदारों के लिए स्वर्णिम दौर रहा है, क्योंकि नई तरह की कहानियां निकलकर सामने आई हैं और डिजिटल मंच का भी विकास हुआ है।”
उन्होंने फिल्म जगत के परिदृश्य में हुए बदलाव का श्रेय नई पीढ़ी को दिया है। उन्होंने कहा, “जिस प्रकार से नई फिल्मों का दौर चला है, इसका श्रेय आयुष्मान जैसे अभिनेताओं को जाता है।”