शर्म करने की है ज़रूरत …. अमृतसर रेल हादसे में ‘हिंदू-मुसलमान’ करने वालों को
दशहरे की शाम अमृतसर में दर्दनाक ट्रेन हादसे में 60 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी, लेकिन हादसे के बाद जिस तरह सोशल मीडिया पर दुर्घटना को लेकर गलत जानकारियां वायरल हो रही थी, वो बेहद निंदनीय है। इस हादसे के बाद सरकार और रेलवे पर लोगों के आरोपों का अंबार लग गया, हद तो तब हो गई जब इस हादसे के बीच लोगों ने धर्म को लाना शुरू कर दिया।
https://twitter.com/RakeshT73827202/status/1053629806087045121
सोशल मीडिया पर एक मैसेज तेज़ी से फैलाया जा रहा था कि ट्रेन का चालक मुस्लिम था। उसका नाम इम्तियाज अली था और उसने जान-बूझकर इस घटना को अंजाम दिया। नीचे दिए गए सोशल मैसेज कुछ ऐसा ही बयां कर रहे हैं।
सुनने मैं आ रहा है कि ड्राइवर का नाम इम्तियाज अली था
इससे पहले दो ट्रैन आराम से निकल गयी
ओर कभी हमने नमाज पढ़ते लोगो पर तो ट्रेन दौड़ते देखी नही।
अगर इसमें सच्चाई है तो गहरी जांच होनी चाहिये@PiyushGoyal#AmritsarTrainTragedy pic.twitter.com/mAsFGZw3jC
— 🅿️uran 3️⃣4️⃣ K 🕉️ मंदिर वाले 🚩 (@ppagarwal) October 20, 2018
इन सभी मैसेज में ये दावा किया जा रहा है कि ड्राइवर का नाम इम्तियाज था लेकिन सच्चाई कुछ और ही है। न्यूज एजेंसी ANI ने इस झूठ को बेनकाब कर दिया। दरअसल ड्राइवर का नाम इम्तियाज नहीं बल्कि अरविंद कुमार है। ट्रेन हादसे को लेकर ड्राइवर के बयान में भी उसका नाम साफ साफ लिखा है।
अरविंद ने अपने बयान में कहा है कि जब उन्हें ट्रैक पर लोगों का हुजूम दिखा तो उन्होंने लगातार हॉर्न बजाया , लेकिन तभी लोगों ने ट्रेन पर पथराव शुरू कर दिया, ट्रेन में बैठे यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए उन्होंने फिर से ट्रेन को आगे बढ़ाने का फैसला किया।
Saw a crowd of ppl around track. Immediately applied emergency brakes while continuously blowing horn. Still some ppl came under it.Train was about to stop when people started pelting stones & so I started the train for passengers' safety:DMU train's driver.#AmritsarTrainAccident pic.twitter.com/2dihtcO9Ri
— ANI (@ANI) October 21, 2018
इसके साथ साथ यह भी अफवाह उठाई गई कि DMU ड्राइवर ने हादसे के बाद खुदकुशी कर ली है, लेकिन बाद में ये खबर भी महज झूठ निकली।